वर्दी शर्मसार, एसओ ने की दरिंदगी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ललितपुर में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई एक किशोरी के साथ पाली के थानाध्यक्ष ने थाना परिसर में बने अपने कमरे में दुष्कर्म किया। किशोरी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि एसओ के कहने पर किशोरी की मौसी ही उसे थाने में लेकर पहुंची थी। चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के बाद घटना का खुलासा हुआ। एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। एसओ और चार अन्य युवकों पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया है। डीआईजी जोगेंद्र सिंह देर शाम थाने पहुंचे और मामले की पड़ताल कीथाना पाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी किशोरी के परिजनों ने बताया कि 22 अप्रैल को पाली निवासी चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे। वहां पर उसे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा गया। आरोप है कि चारों उससे दुष्कर्म करते रहे।वहीं किशोरी की मां अपनी बेटी के लापता होने का मुकदमा दर्ज कराने के लिए 23 अप्रैल को पुलिस कप्तान के पास पहुंची। एसपी ने थाना पुलिस को निर्देश दिए कि तत्काल किशोरी को बरामद किया जाए। पुलिस हरकत में आई तो आरोपी युवक किशोरी को उसकी मौसी के साथ लेकर 26 अप्रैल को थाना पाली पहुंचे और कहा कि किशोरी गायब नहीं हुई थी बल्कि वह भटक गई थी।
आरोप है कि थाना इंचार्ज तिलकधारी सरोज ने 27 अप्रैल को दिन में किशोरी के बयान दर्ज किए और फिर शाम को उसे थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले गया और वहां दुष्कर्म किया। इसके बाद थाना इंचार्ज ने मौसी को बुलाकर किशोरी को उसकी सुपुर्दगी में सौंप दिया। इधर किशोरी की मां थाने के चक्कर काटती रही और बेटी को अगवा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती रही मगर उसकी किसी ने नहीं सुनी। पुलिस ने 30 अप्रैल को किशोरी को थाने बुलाया और चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया।चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने सारी घटना बताई। पूरा मामला सामने आने के बाद 3 मई को थानाध्यक्ष पाली तिलकधारी सरोज को सस्पेंड करते हुए उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया। वहीं किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले चारों युवकों के खिलाफ भी मुकदमा लिखा गया है। देर शाम डीआईजी और एसपी निखिल पाठक थाने पर पहुंचे और घटना की जांच पड़ताल की।