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भारत और फ्रांस ने मिलाए हाथ

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भारत और फ्रांस ने समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही देश समुद्रों और महासागरों की जैव विविधता की निगरानी और सुरक्षा के साथ साथ इसके सतत इस्‍तेमाल के लिए शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देंगे। वहीं पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों ने यह भी एलान किया है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए आपसी तालमेल को मजबूती देंगे।

पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले द्रायां के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। इस दौरान दोनों मुल्‍कों ने समुद्री अर्थव्यवस्था पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए एक प्रारूप पर दस्‍तखत किए। भारत और फ्रांस का कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून से जुड़े हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत तटीय और जलमार्ग प्रारूप को लेकर सहमति भी बनी है।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा सहमति समुद्री सुरक्षा के मसले पर भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है। बयान के मुताबिक दोनों ही मुल्‍क अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून को मजबूत करने और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए आपसी समन्वय को बढ़ांएगे। दोनों देश दुनिया भर में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के विकास के लिए बातचीत करेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत और फ्रांस पर्यावरण एवं समुद्री जैव विविधता का ध्‍यान रखते हुए नीली अर्थव्यवस्था को अपने आवाम की तरक्‍की और खुशहाली का वाहक बनाना चाहते हैं। दोनों देशों का मकसद समुद्री संरक्षण में वैज्ञानिक जानकारियों के जरिए सहयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही कानून आधारित समुद्री स्वतंत्रता और व्यापार सुनिश्चित करना है। इसके लिए दोनों ही मुल्‍क अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर भी एक दूसरे का सहयोग करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय फ्रांस यात्रा के दौरान यह समझौता हुआ है। 

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