लखनऊ मंडल में बच्चों का उत्पीड़न सबसे ज्यादा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बच्चों के उत्पीड़न के मामले में लखनऊ मंडल सबसे आगे है। कोरोना काल में यह संख्या तेजी से बढ़ी है। न केवल लखनऊ में, बल्कि सूबे के अन्य मंडलों से भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। बाल आयोग कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020-21 में 171 मामले लखनऊ मंडल में बच्चों के उत्पीड़न के सामने आए, वहीं दूसरे नंबर पर मुरादाबाद, तीसरे पर अयोध्या और चौथे स्थान पर बरेली मंडल है। ये सभी मामले आयोग द्वारा स्वत: संज्ञान के हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अलग-अलग स्रोतों से इस साल 1,135 शिकायतें मिलीं। इनमें पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के सर्वाधिक मामले हैं।
आयोग के मुताबिक शिक्षा के अधिकार के 74, सूचना के अधिकार के 26, बाल मजदूरी के 23, लापता के 19, चाइल्ड ट्रैपिंंग के आठ, उत्पीड़न के 77, जेजे एक्ट के 53, बाल विवाह का एक और अन्य 93 मामले सामने आए थे। इनके अलावा 608 मामलों का आयोग ने खुद संज्ञान लिया था।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता का कहना है कि कोरोना काल के दौरान प्रवासी वापस लौटे। इसका असर बच्चों पर देखने को मिला। बिहार में सबसे ज्यादा बच्चों के उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। यूपी सरकार ने बच्चों की तस्करी, बाल श्रम या फिर उनका उत्पीडऩ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। गोरखपुर, अलीगढ़ व मुरादाबाद समेत अन्य जिलों में एफआइआर दर्ज कर आरोपितों को जेल भी भेजा गया। आयोग के अध्यक्ष ने लोगों से तस्करी कर ले जाए जा रहे बच्चों के बारे में सूचित करने की अपील की है। उनका कहना है कि रेस्क्यू किए गए व परिवार से अलग हो चुके बच्चों का पुनर्वास कराया जा रहा है