62 दिन बाद खुला बड़ा इमामबाड़ा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :काेरोना कर्फ्यू में सब कुछ बंद था। लोग घरों में कैद थे। पर्यटन स्थलों में भी सन्नाटा था। आखिर कोविड के केस घटने के साथ सब धीरे-धीरे सामान्य होने लगा। दुकानें खुलने के साथ ही पर्यटन स्थलों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई तो 62 दिन बाद गुरुवार को बड़ा इमामबाड़ा भी खुल गया। इतने दिनों तक प्रतीक्षा के बाद आखिर दर्शकों को इमामबाड़ा, रूमी गेट और भूलभुलैया आदि पर्यटन स्थलों पर घूमने का मौका मिला। यहां छात्र, बच्चे और बड़े तो घूमने आए ही, साथ ही कई जोड़े ऐसे भी पहुंचे, जो लाकडाउन की वजह से हनीमून मनाने बाहर नहीं जा सके।
लखीमपुर के विक्की लखनऊ में ट्र्रैफिक पुलिस लाइन मेें तैनात हैं। लॉकडाउन के दौरान उनकी शिया से शादी हुई। हनीमून मनाने के लिए बाहर नहीं जा सके थे। इमामबाड़ा खुला तो पत्नी शिया के साथ इमामबाड़ा घुमने आए। दोनों ने सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बनाया
सरोजनीनगर के धीरज रावत अपनी बहनों के साथ इमामबाड़ा घूमने आए। उन्होंने बताया कि होली में बहनें आईं तो लॉकडाउन की वजह से घूम नहीं सकीं। पहले दिन इमामबाड़ा खुला तो उन्हें घुमाने लेकर आ गए। सुरक्षा के साथ सभी को घूमना चाहिए। जानकीपुरम की प्रतीक और गीता भी इमामबाड़े के दीदार के लिए आए और सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बनाया। गृहणी, युवा, डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी इमामबाड़े की खूबसूरती को करीब से निहारते नजर आए।
पुरातत्व विभाग ने 62 दिन बार लखनऊ अनलाक होने के बाद इमामबाड़ा के साथ ही रेजीडेंसी को भी खोलने की अनुमति दी थी। इमामबाड़े में एक साथ 200 दर्शकों और छोटे इमामबाड़े में 40 दर्शकों को एक साथ जाने की अनुमति थी। इमामबाड़ा ट्रस्ट के कर्मचारी रजा द्वारा आने वाले दर्शकों का नाम मोबाइल नंबर नोट करने के साथ तापमान चेक किया जा रहा था। उनका कहना है कि एक साथ 200 लोग बामुश्किल से रुकते हैं। दर्शक आते-जाते रहते हैं। ऐसे में पाबंदी से दर्शकों को कोई परेशानी नहीं होगी। जो भी दर्शक आएं मास्क लगाकर और सैनिटाइजर अपने साथ जरूर लाएं।