जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र का असर उत्तर प्रदेश में गुरुवार को दिख रहा है। इसके कारण उत्तर प्रदेश का पूर्वी भाग तेज हवाओं के साथ बादलों की आगोश में है। लखनऊ के साथ ही सीतापुर, हरदोई तथा बाराबंकी में तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश ने लोगों को उमस भरी चिपचिपी गर्मी से बड़ी राहत भी दी है। उत्तर प्रदेश में तो इस बार मॉनसून से पहले ही बारिश हो रही है।
लखनऊ में सुबह करीब आठ बजे से तेज हवाओं के साथ बारिश ने लोगों को गर्मी से बड़ी राहत दी है। आसमान में घने बादलों के कारण दिन में ही अंधेरा छाया है और यहां पर कई जगह बिजली भी गुल हो गई है।
सीतापुर में भी मौसम ने बड़ी करवट ली है। यहां पर भी मौसम बदला है और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। जिससे शहर तथा गांव में जलभराव की स्थिति है। यहां पर बुधवार को झुलसाने वाली गर्मी के बाद गुरुवार सुबह आसमान में काले बादल छा गए। इसके बाद तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। बारिश से मौसम सुहावना हो गया है लेकिन कई इलाकों की बिजली भी गुल हो गई है। करीब दो घंटे से लगातार हो रही बरसात ने कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है।
हरदोई में सुबह से बादल छाने के बाद आठ बजे से बरसात शुरू हो गई। बादलों की गडग़ड़ाहट और हवा के साथ पानी बरस रहा है। बहराइच के साथ ही श्रावस्ती तथा रायबरेली में भी आसमान पर घने बादल हैं। कानपुर, वाराणसी, भदोही तथा प्रयागराज में भी आसमान पर घने बादल हैं। यहां पर बारिश तो नहीं हो रही है, लेकिन मौसम काफी सुहावना हो गया है। कानपुर में घने बादल हैं, ठंडी हवा चल रही है। बारिश के आसार हैं। सहारनपुर में तड़के ही जमकर बारिश हुई है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों तक मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहने वाला है। लगभग 15 जिलों में अगले कुछ घंटों में बारिश होने की संभावना है। इन जिलों में लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के तेज झोंके भी चलने का अनुमान है। कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
पूर्वांचल और तराई के इलाके में हल्की बारिश से और बादलों के छाए होने से बढ़ते तापमान से तो राहत मिलेगी, लेकिन बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के जिले को फिलहाल कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। अभी तक के अनुमान के मुताबिक, 12 जून से पहले पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड के जिले में बारिश की कोई संभावना नहीं है। दक्षिण पश्चिम मानसून 11 जून को पूर्वांचल के रास्ते प्रदेश में दाखिल होगा। उसके पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड पहुंचने में 24 घंटे का समय लगेगा। इन जिलों को तभी राहत मिल पाएगी। लखनऊ में मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि वैसे तो हर वर्ष 20 जून के आसपास मानसून दस्तक देता है, लेकिन इस बार बदले हालात में इसका आगमन पहले हो रहा है।