चयनितों को CM योगी आदित्यनाथ ने बांटे नियुक्ति पत्र
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा (यूपी पीसीएस) परीक्षा 2018 में चयनित उप जिलाधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश की जमीनी प्रशासनिक मशीनरी का अंग होने के नाते उन्हें उनके गुरुतर दायित्व का बोध भी कराया तो फील्ड में खुद को योग्य प्रशासक साबित करने के सूत्र भी दिए। उन्हें बताया कि शासकीय सेवा ही आपका राष्ट्रधर्म होना चाहिए। उन्हें चेताया भी कि यदि नौकरी की शुरुआत में ही प्रलोभनों और विवादों में घिर गए तो आगे के दिन संकट और मुंह छिपाने के होंगे।
यूपी पीसीएस परीक्षा 2018 में उप जिलाधिकारी के पद पर चयनित 97 प्रशिक्षु अधिकारियों में से 10 को लोक भवन में नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘प्रांतीय सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी सूबे की प्रशासनिक व्यवस्था के मेरुदंड हैं। उनका नागरिकों से सीधा जुड़ाव होता है। आम जनता अपने छोटे-बड़े कार्यों के लिए इसी तंत्र पर निर्भर है। दुख से पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपने आप को समर्पित कर सकें यही लक्ष्य आपका होना चाहिए।
90 फीसद समस्याएं राजस्व की : शुक्रवार सुबह गोरखपुर में अपने आवास पर मिलने आये फरियादियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनमें से 90 फीसद लोगों की समस्याएं राजस्व से जुड़ी थीं। यदि सभी एसडीएम और राजस्व कर्मी इन गरीबों की समस्याओं को सुनकर उनका समयबद्ध निस्तारण कर देते तो उन्हें मुख्यमंत्री के पास आने की जरूरत क्यों पड़ती? सीएम योगी ने कहा कि विवादों की मुख्य वजह जमीन की पैमाइश है।
वरासत को लेकर अपना कड़वा अनुभव किया साझा : प्रदेश में चल रहे वरासत अभियान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वर्ष 2014 में अपने गुरुदेव के ब्रह्मलीन होने पर उनसे जुड़ी संपत्तियों का ट्रस्ट बनाकर संचालित करने का उन्होंने निर्णय किया और वरासत के लिए आवेदन किया। दो साल बाद भी जब वरासत की कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें डीएम से कहना पड़ा
संकल्प पथ पर चलने वाले अफसर ही सफल : उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि संकल्प पथ पर चलने वाले अधिकारी ही सफल होते हैं। जो इस पथ पर नहीं चलते वे ऊहापोह में रहते हैं। अफसरों की ट्रेनिंग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण हमें सीखने की शिक्षा देता है। जिसमें सीखने की अभिलाषा होती है, वह सफलता के चरम बिंदु को छूता है।
जनसेवी भावना से निभाएं फर्ज : वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रशिक्षु अधिकारियों से जनसेवी भावना से अपना फर्ज निभाने और समाज के असेवित लोगों को न्याय दिलाने का आह्वान किया। कहा कि यह हर स्तर पर आपका प्रयास होना चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल और उप्र प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक एल.वेंकटेश्वर लू ने भी नियुक्ति पत्र बांटे।