एनकाउंटर से कई राज दफन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :पुलिस रिमांड के दौरान शूटर गिरधारी के एनकाउंटर से कहीं उसे संरक्षण देने वालों के राज दफन न हो जाएं। बीती, छह जनवरी को कठौता पर हुई अजीत की हत्या और इसके पहले वाराणसी में हुई नितेश की हत्या का मुख्य शूटर गिरधारी ही था। पुलिस को उससे कई राज उगलवाने थे। पूछताछ के दौरान यह सामने आया था कि गिरधारी को पूर्वांचल के कई सफेदपोश नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। विभूतिखंड में अजीत सिंह की हत्या में नामचीन सफेदपोश भी थे। यह हाल वाराणसी में हुई नितेश और इसके पहले की हत्याओं में भी कई सफेदपोशों के नाम थे। गिरधारी की मौत के साथ ही कहीं, उनके नाम दफन न हो जाएं।
वाराणसी के चोलापुर लखनपुर निवासी शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर के पिता टग्गर विश्वकर्मा ने कहा कि उनके बेटे की पुलिस ने हत्या की है। भाई संजय ने बताया कि गिरधारी की हत्या की आशंका से उन्होंने बीती आठ फरवरी को वाराणसी सीजीएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर भाई की सुरक्षा की मांग की थी। इसके साथ ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भी पेशी के दौरान भाई की जान को खतरा बताया था। परिवार वालों ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से गिरधारी के मारे जाने की सूचना मिली। देर शाम तक पोस्टमार्टम हाउस में गिरधारी का कोई स्वजन शव लेने के लिए नहीं पहुंचा था।
गिरधारी पर दर्ज मुकदमे
- गिरधारी उर्फ डाक्टर पर वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, बनारस, मुंबई में कुल 23 अपराधिक मुकदमें दर्ज थे।
- 2001 में वाराणसी में लूट का आरोपित।
- वर्ष 2005 में जौनपुर के केराकत क्षेत्र में हुए एक हत्या मामले का आरोपित था।
- वर्ष 2008 में मऊ के घोषी में नंदू सिंह की हत्या का आरोपित
- वर्ष 2010 में मऊ में सुनील सिंह की हत्या का आरोपित
- वर्ष 2011 आजमगढ़ के जीयनपुर में डमरू सिंह की हत्या का आरोपित