बीटेक की छात्राओं का अविष्कार स्मार्ट ट्रैकर यूनिफार्म बनाया
सारनाथ रोड स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में पढ़ने वाले बीटेक अंतिम वर्ष की तीन छात्राओं ने मिलकर स्मार्ट टैकर यूनिफार्म बनाया है। यह यूनिफार्म बच्चों के गुम होने या किडनैपिंग की घटनाओं से बचाएगा। नैनो जीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस इस डिवाइस को बनाने में महज 1200 रुपए खर्च आए। दो माह की मेहनत से तैयार करने वाली छात्राएं इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा मान रही हैं।
यूनिफार्म पर बार कोड देगा परिवार की डिटेल
आरती, पूजा और संगीता अशोका इंस्टीट्यूट में बीटेक के चौथे साल की छात्रा हैं। आरती ने बताया कि, बच्चें अगर 3 से 5 साल के हैं जो ठीक से बोल नहीं पाते हैं, ऐसे बच्चों के कपड़े पर बने बार कोड को स्कैन कर बच्चे के माता पिता की डिटेल पूरी जानकारी ले सकते हैं l अगर कहीं वे गुम हो जाते हैं तो बार कोड की मदद से उनके माता पिता को सूचित करने में काफी सहूलियत मिलेगी। इसके साथ ही बच्चों को अगवा करने वालों को पुलिस आसानी से पकड़ सकेगी।
इस तरह काम करता है स्मार्ट ट्रैकर
रिसर्च एंड डेवलेपमेंट हेड श्याम चौरसिया ने बताया डिवाइस पैंट के अंदर फिट कर देते हैं। इसमें नैनो सिम हमारे बच्चों के द्वारा तैयार मॉडल में लगा है। रिसीवर पैंट के अंदर डिवाइस में सेट है। ट्रांसमीटर दरवाजे पर लगाए डिवाइस में फिट होगा। बच्चा जैसे ही दरवाजा क्रॉस करेगा घर के अंदर एलार्म बजेगा और कुछ ही देर बाद पैरेंट्स के सेट नम्बर पर लोकेशन भेज देगा। इसकी बैटरी आठ घंटे चलती है। पूरा सर्किट बच्चों ने खुद बनाया है।