उत्तर प्रदेशराज्य

अब सिर्फ एक दिन होगा रामनगरी में दीपोत्सव

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में रामनगरी अयोध्या में इस बार कोरोना महामारी के खतरे के कारण दीपोत्सव कार्यक्रम सीमित कर दिया गया है। अब सारे कार्यक्रम सिर्फ 13 नवंबर को ही होंगे। चौथे दीपोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 11 नवंबर से होनी थी, लेकिन कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत सभी प्रस्तावित आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है।

रामनगरी अयोध्या में इस बार कोरोना महामारी के खतरे के कारण दीपोत्सव कार्मयक्रम सिर्फ 13 नवंबर को ही होगा।

रामनगरी में आज यानि बुधवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीमित कर दिया गया है। अब 11 और 12 को होने वाला रामलीला कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया गया है। अब 13 को ही मुख्य आयोजन होना है, जिसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर और कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए राम की पैड़ी के 24 घाटों पर 10 हजार वॉलिंटियर छह लाख दीप जलाकर अपने बनाए पिछले रिकॉर्ड को तोडेंगे। 12 नवंबर को मंदिरों में दीप जलाए जाएंगे।

रामनगरी अयोध्या दीपोत्सव की तैयारियां शुरू : रामनगरी अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीमित कर दिया गया है। हालांकि इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सरयू तट, राम की पैड़ी और हाइवे के एंट्री प्वाइंट सतरंगी रोशनी से जगमगा उठे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। बुधवार की शाम से बाहर से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दीप जलाने वाले सभी वॉलिंटियर को कोविड जांच होने पर ही प्रवेश दिया जाएगा।

पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी : राम की पैड़ी पर अवध विश्वविद्यालय के सहयोग से 10 हजार वॉलिंटियर 24 घाटों पर छह लाख दीपक जलाकर अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने में जुट गए हैं। पिछली बार के दीपोत्सव में 12 घाटों पर 4,2600 दीपक जलाकर 4.14 लाख से वर्ल्ड रेकॉर्ड बना था। इस बार घाटों की और दीपों की संख्या की बढ़ोतरी की गई है। लगभग छह लाख दीप जलाकर अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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