गंभीर नवजातों को इलाज के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : केजीएमयू के क्वीनमेरी के गंभीर नवजात को तत्काल इलाज मिल सकेगा। उन्हें हालत बिगडऩे पर वेंटिलेटर के लिए ट्रॉमा सेंटर रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए एनएनयू को अब आइसीयू में तब्दील किया जाएगा।
केजीएमयू में शनिवार को बाल रोग विभाग का 67वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने बाल रोग विभाग में सेवाओं के विस्तार की बात कही। उन्होंने क्वीनमेरी में नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) बनाने का दावा किया। इसमें वेंटिलेटर की सुविधा होगी। अभी क्वीनमेरी में नियोनेटल यूनिट (एनएनयू) है। इसमें फोटोथेरेपी व वार्मर मशीनें ही हैं। वहीं वेंटिलेटर के लिए गंभीर नवजात को ट्रॉमा सेंटर रेफर करना पड़ता है।
डीएम कोर्स भी होगा शुरू
बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी ने कहा कि विभाग की स्थापना 1954 में हुई थी। यहां डीसीएच का पहला बैच 1961 में व एमडी का पहला बैच 1962 में आया था। अब नियोनेटोलॉजी व हिमेटो अंकोलॉजी में डीएम कोर्स भी शुरू करने की योजना है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
स्किल लैब में सीखेंगे छात्र
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने पीडियाट्रिक स्किल लैब का उद्घाटन किया। इसमें एक्स-रे, सीटी स्कैन, एबीजी व ईसीजी मशीनें हैं। इसमें पुतले भी रखे गए हैं। लैब से एमबीबीएस छात्र क्लीनिकल काम सीखेंगे। वहीं राज्यपाल के निर्देश पर टीबी मरीजों को गोद भी लिया जाएगा।