उत्तर प्रदेशराज्य

तेजी से पांव पसार रहा साइबर अपराध

 

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :स्मार्टफोन के जरिये दुनिया भले ही आपकी मुठ्ठी में है, पर यहां एक चूक से जेब ढीली होने में समय नहीं लगेगा। इतना ही नहीं, अजनबी से दोस्ती के बाद उसकी वीडियो काल रिसीव करते ही आप ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के चंगुल में भी फंस सकते हैं। हाल ही में सचिवालय सेवा के एक अधिकारी भी ऐसी मुसीबत में फंसे। फेसबुक पर अजनबी से दोस्ती और उसकी वीडियो काल रिसीव करते ही आपत्तिजनक वीडियो के खेल में फंस गए। अब मामले की पुलिस जांच चल रही है।

                        इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं।

इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं। खासकर इकोनामिक फ्राड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अब मोबाइल पर काल करने के बजाए साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी गहरी पैठ बना चुके हैं। उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि बीते दिनों मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर ठगी के प्रयास का मामला तक सामने आया। सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को पेंशन खाता अपडेट करने का झांसा देकर उनके खातों से लाखों रुपये उड़ाने वाला गिरोह भी दबोचा गया।

बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में साइबर थाना खोला गया था, जिसके बाद अब 16 और रेंज मुख्यालयों में साइबर थाने स्थापित किए जा चुके हैं, ताकि हर जिले में एक साइबर थाना वजूद में आ सके। पुलिस के आंकड़े खुद गवाह हैं कि साइबर अपराध किस रफ्तार से बढ़ रहा है। इस वर्ष अब तक साइबर अपराध की 5077 से अधिक शिकायतें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में पुलिस के प्रयासों के साथ लोगों का इनके प्रति जागरूक होना भी बेहद जरूरी है। एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार का कहना है कि बढ़ती शिकायतों के दृष्टिगत जांच के लिए संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। जल्द हर जिले में साइबर थाना खोले जाने की योजना है।

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) के जरिये साइबर क्राइम की 54,100 से अधिक शिकायतें आई हैं। 564 में मुकदमे पंजीकृत किए गए और 16720 शिकायतों में अभी जांच चल रही है। पोर्टल के जरिये साइबर फाइनेंशिल फ्राड की वर्ष 2019 में अगस्त से दिसंबर माह के मध्य 1948 शिकायतें आई थीं। वर्ष 2020 में 17,261 शिकायतें आईं, जबकि इस वर्ष अब तक 24,071 शिकायतें आ चुकी हैं।

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