उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ में छाई धुंध की चाद

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी में वायु प्रदूषण नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। जैसा कि अंदेशा था बुधवार को प्रदूषण बेहद गंभीर हो गया। सुबह 11 बजे के करीब लालबाग क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बढ़ कर 530 के अत्यंत खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा। लालबाग ही नहीं तालकटोरा में भी एक्यूआई 366 और अलीगंज में 346 के स्तर में रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिन प्रदूषण के लिहाज से और अधिक खतरनाक हो सकते हैं। दिल्ली की ओर से आने वाली पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवाएं धुंध बढ़ाएंगी जिससे प्रदूषण का स्तर भी नए रिकॉर्ड कायम कर सकता है। सनद रहे बीते वर्ष नवंबर में एक यूआई 400 से अधिक रिकॉर्ड हुआ था।

बीते दो-तीन दिन से राजधानी में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है जिसके चलते सुबह ओस की बूंदें वातावरण में मौजूद रहती हैं।

बीते दो-तीन दिन से राजधानी में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है जिसके चलते सुबह ओस की नन्हीं बूंदें वातावरण में मौजूद रहती हैं। इसमें प्रदूषित कण रुक कर धुंध (स्मॉग) बनाते हैं। वायुमंडल में इसी धुंध के चलते प्रदूषित कण इकट्ठा होते रहते हैं जिससे हवा बेहद जहरीली हो रही है। नवंबर में प्रदूषण का बढ़ना अप्रत्याशित नहीं है। हालांकि जिम्मेदार महकमों ने दावे किए थे कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तैयारी कर ली गई है। जमीनी हालात देखें तो जहां एक तरफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।

,दूसरी तरफ अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण का काम एलडीए द्वारा जारी है। इन्हीं सड़कों में गड्ढों के बुरे हाल हैं। डिवाइडर के किनारे जमा धूल समस्या को और बढ़ा रही है ।इसके चलते प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।

बीते तीन नवंबर को तमाम दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में ही केवल 174 स्थानों पर कृषि अपशिष्ट या पराली जलाई गई। उधर पंजाब हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं हर रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रही हैं। नतीजा यह है कि दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी धुंध की मोटी चादर में लिपटा है।

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