यूपी में नई पहल… निवेशकों को घर बैठे मिलेगी एनओसी
स्वतंत्रदेश ,लखनऊदेश में पहली बार यूपी में निवेशकों को घर बैठे एनओसी देने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। केंद्रीय टीम की सलाह पर इन्वेस्ट यूपी को ये जिम्मेदारी दी गई है। शुरुआत लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा और गोरखपुर में एनओसी के इंतजार में अटके करीब 700 निवेश से होगी। इसके लिए 28 रिलेशनशिप मैनेजरों की नियुक्ति की गई है जो प्रत्येक निवेशक के पास जाएंगे और उनसे फाइल लेकर विभागों से एनओसी दिलाएंगे। इस कवायद से तीन महीने में लगभग 20 हजार करोड़ के निवेश जमीन पर उतरने की उम्मीद है।

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की सचिव मीता आर. लोचन ने निवेश और निवेशकों की समस्याओं को लेकर यूपी के कई जिलों का दौरा किया था। उन्होंने लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी जैसे जिलों में निवेश की स्थिति परखी थी। इसमें लैंड अप्रूवल यानी जमीन संबंधी अनुमति और विभागों से जारी होने वाले अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) निवेश की राह में दो प्रमुख बाधाएं सामने आई थीं। इन वजहों से छह शहरों में करीब 700 प्रोजेक्ट अटके थे। इसे देखते हुए उन्होंने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने को कहा था। इसी क्रम में यह यह कवायद शुरू हुई है।
इस संबंध में तैयार रिपोर्ट के मुताबिक जमीन संबंधी तीन तरह की दिक्कतें सामने आईं। पहली, जहां जमीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, वहां निवेशकों की रुचि कम है। दूसरी, जमीन है, लेकिन कृषि भूमि है जिसके लैंड यूज चेंज में तमाम बाधाएं हैं। तीसरी, जमीन ही नहीं है, लेकिन निवेश प्रस्ताव ढेर सारे हैं।
इसके अलावा निवेश मित्र के जरिये मिलने वाले एनओसी संबंधी मामले थे। किसी भी इकाई की नींव डालने के लिए कम से कम 8-10 विभागों की एनओसी चाहिए। वहीं, इकाई तैयार होने तक 38 से 40 विभागों की एनओसी की जरूरी होती है। इन बाधाओं को दूर करने और निवेशकों की भागदौड़ खत्म करने के लिए यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
लखनऊ से होगी शुरुआत
पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत लखनऊ से होगी। यहां 12 हजार करोड़ के 400 निवेश एनओसी के फेर में फंसे हैं। इसके बाद नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, यीडा और ग्रेटर नोएडा में इसे लागू किया जाएगा। इन शहरों में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए उद्यमी मित्रों को रिलेशनशिप मैनेजर बनाया गया है।
ये मैनेजर निवेशक के पास जाएंगे और उनकी जगह विभागों में जाकर एनओसी सहित सभी आपत्तियों को दूर कराएंगे। इस काम को इन्सटेंट अप्रूवल मेम्बर्स नाम दिया गया है। ये पायलट प्रोजेक्ट तीन माह में सभी छह शहरों में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में 5-5, नोएडा, गोरखपुर व यीडा में प्रत्येक में 4 और कानपुर में 6 रिलेशनशिप मैनेजरों की नियुक्ति की गई है।