उत्तर प्रदेशलखनऊ

क्या होगा आजम का नया सियासी ठिकाना? नए समीकरण को मिली हवा

स्वतंत्रदेश ,लखनऊसीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां की रिहाई के बाद उनके नए सियासी ठिकाने को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। इस कयासबाजी को आजम की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा की बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की चर्चाओं से बल मिला है। हालांकि, सपा और बसपा के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। फिलहाल सभी की नजर आजम की रिहाई के बाद उनके अगले कदम पर है।सपा नेता आजम खां करीब 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं। उन पर विभिन्न मामलों में 96 केस दर्ज हैं। 18 सितंबर को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद से आजम खां की आज रिहाई हो गई। साथ ही आजम खां के नए सियासी ठौर की चर्चाएं भी शुरू हो गईं। यह चर्चा अनायास नहीं है। इसके पीछे राजनीतिक जानकार बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और तजीन फात्मा की मुलाकात बताते हैं। चर्चा है कि पिछले दिनों दिल्ली में दोनों की मुलाकात हुई थी। वार्ता के केंद्र बिंदु में आजम खां ही रहे। 

अब इस मुलाकात की चर्चाएं सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में होने लगी हैं। जानकार इस सियासी मुलाकात को आजम खां-तजीन फात्मा के पिछले बयानों से जोड़कर देख रहे हैं। जो बताते हैं कि दोनों का मिलना इत्तेफाक नहीं है। यह चर्चा अनायास नहीं है। इसके पीछे राजनीतिक जानकार बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और तजीन फात्मा की मुलाकात बताते हैं। चर्चा है कि पिछले दिनों दिल्ली में दोनों की मुलाकात हुई थी। वार्ता के केंद्र बिंदु में आजम खां ही रहे। 

टिकट बंटवारे को लेकर रिश्तों में आई थी तल्खी
लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और आजम खां के रिश्तों में तल्खी आ गई थी। खुद के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में आजम खां ने अखिलेश यादव को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था। साथ ही मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी। 

अखिलेश ने रामपुर सीट से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद आजम खां के हवाले से रामपुर के सपा नेताओं ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया था। इस खींचतान के बीच अखिलेश यादव ने आजम की पसंद को दरकिनार कर मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को रामपुर से उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

अब इस मुलाकात की चर्चाएं सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में होने लगी हैं। जानकार इस सियासी मुलाकात को आजम खां-तजीन फात्मा के पिछले बयानों से जोड़कर देख रहे हैं। जो बताते हैं कि दोनों का मिलना इत्तेफाक नहीं है। 

‘तजीन फात्मा पिछले कई माह से दिल्ली नहीं गई’
इससे पहले सीतापुर जेल में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आजम खां से मुलाकात कर दलित-मुस्लिम गठजोड़ की सियासत को हवा दी थी। राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि आजम का अगला कदम उनके स्वास्थ्य और परिवार की राजनीतिक रणनीति पर निर्भर करेगा। वैसे आजम खां के नजदीकी यह दावा भी करते हैं कि तजीन फात्मा पिछले कई माह से दिल्ली नहीं गई हैं। इस वजह से उनकी मायावती से मुलाकात की बात में कोई दम नहीं है।

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