पीपीपी मॉडल में चलेंगी 15 सीएचसी, प्रदेश के कस्बों में दौड़ेंगी ई-बसें
स्वतंत्रदेश ,लखनऊप्रदेश की 15 सीएचसी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित किया जाएगा। इन सीएचसी को 30 बेड का प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां उपकरणों से लेकर आधारभूत सुविधाओं का भी विकास होगा। ऐसे में मरीजों को पहले से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इस आशय के प्रस्ताव को मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है।प्रदेश में फर्स्ट रेफरल यूनिट (प्रथम संदर्भन इकाई) के रूप में सीएचसी के विकसित होने पर वहां 24 घंटे आपातकालीन प्रसूति सुविधाएं, नवजात शिशु देखभाल और अन्य आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। परिवार नियोजन और टीकाकरण जैसी सुविधाएं भी चलती हैं। इन सीएचसी को 30 वर्ष के लिए निविदा के जरिए जैसा है, जहां है की स्थिति में सौंपा जाएगा। यहां निजी निवेशक अपने स्तर पर चिकित्सक, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती करेगा। ऑपरेशन थियेटर से लेकर सर्जरी के उपकरण आदि की व्यवस्था करेगा।

यहां आने वाले सभी रोगियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं (ओपीडी सेवाएं, डायग्नोस्टिक्स सेवाएं, अंतः रोगी सेवाएं एवं औषधियां) मिलेंगी। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन( एबीडीएम) के निर्धारित मानदंडों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। रियायतग्राही द्वारा एक फार्मेसी स्थापित की जाएगी, जिसमें राज्य औषधि सूची की सभी आवश्यक और ओटीसी जेनेरिक दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। विद्युत, जल एवं गैस जैसी यूटीलिटीज सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का संचालन और रखरखाव निवेशक द्वारा स्वंय अपने खर्च पर किया जाएगा।
पीपीपी पर चलने वाली सीएचसी
महराजगंज – अड्डा बाज़ार
सोनभद्र- बभनी
गोरखपुर – बेलघाट
चंदौली- भोगवारा
लखीमपुर खीरी – चन्दन चौकी
वाराणसी- गजोखर
श्रावस्ती – मल्हीपुर
लखनऊ – नगराम
बलरामपुर- नन्द नगर खजुरिया
चित्रकूट – राजपुर
सिद्धार्थनगर-सिरसिया
बलिया -सुखपुराकुशीनगर-तुरकहा खड्डा
बहराइच – विशेश्वरगंज
फतेहपुर- हाजीपुरगंज
राजकीय इंटर कॉलेजों में विशेष बच्चों को मिलेंगे विशेष शिक्षक
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विशेष (दिव्यांग) बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सात मार्च 2025 को दिए गए आदेश के अनुपालन में कैबिनेट ने वर्तमान पदों में से ही 47 पद विशेष शिक्षक के रूप में बदलने को अनुमति दे दी है। इससे विभाग पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्तमान में 692 दिव्यांग विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। जबकि इसके सापेक्ष 311 विशेष शिक्षक सेवाप्रदाता से रखे गए हैं। नियमानुसार 15 विद्यार्थी पर एक शिक्षक की आवश्यकता है। इसे देखते हुए 47 पद विशेष शिक्षक के रूप में बदलने को सहमति दे दी गई है। इसके लिए भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर की जाएगी।