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 लटकी हैं सेतु निगम की 165 परियोजनाएं

स्वतंत्रदेश ,लखनऊगाजीपुर की कासिमाबाद तहसील में मगई नदी पर ग्रामीणों ने स्वयं पुल बनाने का कार्य शुरू किया है। वर्षों तक प्रशासन व शासन से पुल निर्माण की गुहार लगाने के बाद सुनवाई न होने पर ग्रामीणों ने पुल बनाने का निर्णय लिया और करीब 60 लाख रुपये से अधिक का चंदा एकत्र कर पुल का निर्माण शुरू कर दिया है।

अगर इस पुल का निर्माण सेतु निगम को सौंपा जाता तो ग्रामीणों को कितना लंबा इंतजार करना पड़ता, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 165 परियोजनाओं के लिए 95 प्रतिशत राशि लेने के बाद भी वर्षों से सेतु निगम इनका काम पूरा नहीं करा पा रहा है। कासिमाबाद में भारतीय सेना में कैप्टन रहे रवींद्र यादव की देखरेख में ग्रामीण श्रमदान करके पुल का निर्माण कर रहे हैं।

सरकार ने प्रदेश में पुलों के निर्माण में तेजी लाने के लिए विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की स्थापना वर्ष 1973 में कराई थी। इसके बाद से सेतु निगम ने उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित अन्य राज्यों व ईराक, नेपाल तथा यमन में विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया।165 परियोजनाएं राशि मिलने के बाद भी लटकी हुईं

कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ को छोड़कर अधिकतर परियोजनाओं में देरी के चलते सेतु निगम को काम मिलने बंद हो गए। आज हालात यह हैं कि बाहरी राज्यों की एक दो परियोजनाओं को छोड़कर सेतु निगम के पास केवल उत्तर प्रदेश की परियोजनाएं बची हैं। इन्हे लेकर भी सेतु निगम पूरी तरह से गंभीरता नहीं है, यही वजह है कि सेतुओं व आरओबी की 165 परियोजनाएं पर्याप्त राशि मिलने के बाद भी लटकी हुई हैं।

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