उत्तर प्रदेशराज्य

निर्जला व्रत को लेकर महिलाओं में अधिक है उत्साह

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :चंद्रदेव अर्थात चंद्रमा की उपासना का पर्व करवा चौथ चार नवंबर को है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती, कार्तिकेय व गणेशजी का विधि-विधान से पूजन करेंगी। पूजन के बाद चंद्रमा की स्तुति करके जल ग्रहण करेंगी। व्रत को लेकर महिलाओं का उत्साह चरम पर है। कोरोना संक्रमण के भय व बंदिशों से बेफिक्र महिलाएं पूजन व श्रृंगार की सामग्री खरीदने तथा पूजा घर की सफाई करने में जुटी हैं।

करवा चौथ पर देवी-देवताओं का अलग-अलग मंत्रों के उच्चारण से स्तुति करनी चाहिए।

करवाचौथ में व्रती महिलाएं चलनी से चांद व पति को देखकर व्रत का पारण करती हैं। कई ऐसी महिलाएं हैं जिनके पति दूसरे शहर में हैं। इससे वह व्रत को लेकर पशोपेश में हैं। हालांकि पति से दूर रहने पर भी महिलाएं उनकी सलामती के लिए व्रत रख सकती हैं। ऐसी महिलाएं चांद निकलने पर पति की तस्वीर को चलनी में देखकर टीका लगाने के साथ पूजन कर व्रत का पारण कर सकती हैं। वीडियो कॉलिंग में पति का चेहरा देखकर व्रत का पारण किया जा सकता है। इससे व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।

मंत्रों के साथ करें स्तुति

करवा चौथ पर देवी-देवताओं का अलग-अलग मंत्रों के उच्चारण से स्तुति करनी चाहिए। इसमें ऊं शिवायै नम: से पार्वती का, ‘ऊं नम: शिवाय से शिव का, ‘ऊं षण्मुखाय नम: से स्वामी कार्तिकेय का, ‘ऊं गणेशाय नम: से गणेश का तथा ऊं ‘सोमाय नम: का जप करते हुए चंद्रमा का पूजन करें।

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