गली-कूचे में भी 5G स्पीड में आएगा नेटवर्क
स्वतंत्रदेश ,लखनऊआप जिस कंपनी के सिम का इस्तेमाल करते हैं, अगर उसका नेटवर्क किसी क्षेत्र में नहीं है तो आप फोन का उपयोग नहीं कर पाते थे। अब किसी भी सेवा प्रदाता का नेटवर्क मिलने पर आप फोन का उपयोग कर सकेंगे। उस क्षेत्र के सेवा प्रदाता का अन्य सेवा प्रदाताओं के साथ करार होगा। इससे सभी कंपनी के उपभोक्ताओं को नेटवर्क मिलेगा।उत्तर प्रदेश पूर्वी क्षेत्र में डिजिटल भारत निधि से पोषित 178 मोबाइल टावर लगाए गए हैं, जिनमें रोमिंग की व्यवस्था चालू होगी। इस सेवा से उत्तर प्रदेश पूर्वी परिक्षेत्र के 16 जिलों सहित उत्तर प्रदेश के कुल 29 जिलों में यह सुविधा मिलेगी।
कई गांवों और कस्बे में नहीं आता है नेटवर्क
दूरसंचार विभाग के अपर महानिदेशक अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश पूर्व व पश्चिम परिमंडल में विशेषकर सीमावर्ती जिलों में अभी बहुत ऐसे गांव-कस्बे हैं, जहां किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं है। ऐसे इलाकों में BSNL व निजी दूरसंचार कंपनियां टावर लगा रही हैं।ये कंपनियां आपस में समन्वय बनाकर मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को नेटवर्क प्रदान करेंगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 के तहत सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायतों को वर्ष 2030 तक 90 प्रतिशत तक हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ना है।ब्रॉडबैंड गति को 64 मेगाबाइट के स्थान पर 100 मेगाबाइट तक किया जाएगा। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किया है। इसके तहत अभी तक संचार साथी पोर्टल से जो सेवाएं मिल रहीं थीं, अब वे एप से मिलेंगी। इस एप से आपके नाम कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं, यह जान सकते हैं।