उत्तर प्रदेशराज्य

संभल में बावड़ी में अब नजर आए चार दरवाजे… सीमेंट के खंभे भी मिले

स्वतंत्रदेश ,लखनऊसंभल के चंदौसी में बावड़ी की खोदाई आठवें दिन भी जारी है। अब तक खोदोई में 14 से अधिक सीढ़ियां और सीमेंट के बने खंभे मिले हैं। मौके पर एएसआई की टीम लगातार सर्वे कर रही है। इमारत की सुरक्षा को देखते हुए मशीन से काम बंद करवा दिया गया था। इसके बाद नगर पालिका की लगभग 50 मजदूर बावड़ी की साफ सफाई में लगे हैं।इससे पहले, शुक्रवार को लक्ष्मणगंज में मिली बावड़ी का सिरा और कुएं की तलाश के लिए एएसआई टीम की मौजूदगी में सड़क तक की खोदाई की गई। सड़क से इंटरलॉकिंग टाइल्स हटाए गए तो चार दरवाजों का एक हिस्सा दिखाई दिया है। 

आसपास से हटेगा अतिक्रमण
जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पर बावड़ी का कुआं है। बावड़ी के तीन ओर के मकान अतिक्रमण माने जा सकते हैं। प्रशासन बावड़ी का पूरा दायरा जानने के लिए आसपास से अतिक्रमण भी हटाएगा। शुक्रवार की सुबह करीब 8:30 बजे एएसआई की टीम के राजेश कुमार बावड़ी स्थल पर पहुंचे। 

बावड़ी का सिरा और कुएं की तलाश
नगर पालिका के ईओ कृष्ण कुमार सोनकर व सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह से बावड़ी का सिरा और कुआं तलाशने के लिए कहा। इसके बाद पालिका की एक टीम ऊपरी मंजिल के गलियारों से मिट्टी निकालने में जुट गई तो वहीं दूसरी टीम सड़क की ओर के हिस्से में कुआं और बावड़ी के सिरे की तलाश में खोदाई के लिए जुट गई।

तीन ओर के मकानों पर हो सकती है अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई
माना जा रहा है कि भूमिगत बावड़ी इंटरलॉकिंग की सड़क पार तक है। वहीं बावड़ी का गेट दूसरी ओर है। जहां दोनों साइड में दो मकान बने हैं। बावड़ी को अस्तित्व में लाने के लिए मकान प्रभावित हो सकते हैं। ईओ कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि बावड़ी के ऊपर किया गया अतिक्रमण हटाया जाएगा। ऐसे में तीन मकानों पर भी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई हो सकती है।

गलियारे से मिट्टी निकालने में दिन भर हुई मशक्कत
बावड़ी की पहली मंजिल के गलियारे में भरी मिट्टी को निकालने के लिए शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक 20 से अधिक मजदूर लगे रहे और खोदाई से निकली मिट्टी ट्रैक्टर-ट्राॅली तक पहुंचाते रहे। बावड़ी की पहली मंजिल की दाईं ओर का गलियारा पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर गलियारे में मिट्टी पूरी तरह से नहीं निकाली जा सकी है।


 राजा चंद्रविजय सिंह बोले, हमारे परिवार की मिल्कियत है बावड़ी
पूर्व सांसद राजा चंद्रविजय सिंह का कहना है कि चंदौसी में मिली बावड़ी सहसपुर स्टेट यानी उनके परिवार की संपत्ति है। उन्होंने कहा कि यह बावड़ी तीन मंजिल की है, जो अनोखी चीज है। उत्तरी भारत में बहुत कम बावड़ी हैं। बावड़ी राजस्थान और गुजरात आदि में ज्यादा मिलती हैं। शुक्रवार को पूर्व सांसद ने बिलारी में राजा का सहसपुर स्थित अपने महल में प्रेस वार्ता की।
 उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस बावड़ी को अपनी बता रहे हैं। जो लोग ये कह रहे हैं वह उनसे परिचित नहीं हैं। जबकि सच्चाई ये है कि बावड़ी हमारे परिवार की बनवाई हुई है। हमारे परिवार की मिल्कियत है। परिवार में दो लोग हैं। एक मैं और मेरी छोटी बहन। ये बात स्पष्ट करनी थी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पुरातत्व विभाग इसे अपनी सुपुर्दगी में ले और उसका जीर्णोद्धार करे, ताकि यह चंदौसी वासियों के लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल बने।

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