उत्तर प्रदेशराज्य

चंद घंटे में 150 मीटर की दूरी में दो एनकाउंटर

स्वतंत्रदेश,लखनऊबैंक लॉकर तोड़कर करोड़ों की चोरी की वारदात के मामले में हुईं मुठभेड़ में एक तथ्य चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि एक इलाके में दोनों मुठभेड़ हुईं। दोनों घटनास्थल की दूरी तकरीबन 150 मीटर की ही है। ये महज एक इत्तेफाक है या फिर इसके पीछे की कहानी कुछ और है। ये पता नहीं चल सका है। लेकिन इसको लेकर कई सवाल बने हुए हैं।सोमवार सुबह आठ बजे चिनहट के लौलाई जलसेतु इलाके में पुलिस और चोरों के बीच पहली मुठभेड़ हुई। इसमें बिहार के मुंगेर का रहने वाला अरविंद कुमार घायल हुआ था और उसके दो साथी बिहार भागलपुर निवासी बलराम कुमार और मुंगेर निवासी कैलाश बिंद पकड़े गए थे। पुलिस के मुताबिक कार सवार चार बिहार के मिथुन कुमार, सोविंद कुमार, सन्नी दयाल और सीतापुर का विपिन कुमार कार से भाग गए थे।करीब साढ़े 16 घंटे बाद देर रात 12:30 बजे दोबारा इसी इलाके में इन चोरों से पुलिस की मुठभेड़ हुई, जिसमें सोविंद मारा गया। जिसमें उसका एक साथी भाग गया। पहली मुठभेड़ और इस घटनास्थल की दूरी डेढ़ सौ मीटर ही है। पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि जो आरोपी सोविंद पहली मुठभेड़ के दौरान वहां से भागा था तो क्या वह दोबारा उसी जगह पर जाएगा?



अब तर्क है कि हो सकता है कि साविंद पुलिस के डर से पहली मुठभेड़ के दौरान आसपास छिप गया था और रात होते ही भागने का प्रयास करने लगा। लेकिन, इस थ्योरी पर भी एक सवाल ये है कि पहली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने क्या कांबिंग नहीं की थी? और अगर की थी तो फिर सोविंद पहले क्यों हत्थे नहीं चढ़ा।

आखिर इतने वक्त तक कहां था सोविंद…

पहली और दूसरी मुठभेड़ के बीच 16 घंटे से अधिक का समय रहा। सवाल है कि आखिर सोविंद इतनी देर तक कहां रहा? किसके साथ था? क्या किसी ने पनाह दी थी? ये सभी सवाल अनसुलझे हैं। मंगलवार को जब पुलिस अफसरों ने घटना को लेकर प्रेसवार्ता की तो इन सवालों के जवाब नहीं दे सके।

Related Articles

Back to top button