घर बुलाकर सीएम योगी ने पुलिस अफसरों को लगाई कड़ी फटकार
।स्वतंत्रदेश ,लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण में देरी को लेकर नाराजगी जतायी है। उन्होंने खराब प्रदर्शन वाले जिलों के पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर कार्यशैली नहीं बदली तो कार्रवाई की जाएगी।
सीएम ने सरकारी आवास पर बुलाई बैठक
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि महिला संबंधी अपराधों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में महिला अपराधों के निस्तारण की दर सर्वाधिक 98.70 प्रतिशत है। अपने सरकारी आवास पर बीते दिनों प्रदेश की कानून व सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में देश में पहले स्थान पर है।
प्रयागराज जिला अपराध्स निस्तारण में फिसड्डी
उन्होंने गृह विभाग के इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फार सेक्सुअल अफेंस (आईटीएसएसओ) पोर्टल की रिपोर्ट का अवलोकन किया। पहली अपैल 2023 से 30 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण के मामले में प्रयागराज 80.48 प्रतिशत दर के साथ सबसे पीछे चल रहा है।
वहीं प्रतापगढ़ में महिला अपराधों के निस्तारण की दर 84.31, कानपुर देहात में 85.37 और चित्रकूट में 86.27 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि कम से कम समय में आरोपितों को सजा दिलाई जाए।
बरेली में दर्ज हुईं 2997 FIR
बरेली में महिला अपराध संबंधी 2,997 एफआईआर दर्ज की गईं। इनमें से आठ मामलों की फाइनल रिपोर्ट लंबित है। अलीगढ़ में 1,910 एफआईआर दर्ज की गईं जिनमें से छह मामलों की फाइनल रिपोर्ट लंबित है। सुल्तानपुर में 952 एफआईआर दर्ज की गईं। इनमें से तीन मामलों की फाइनल रिपोर्ट लंबित है। फतेहगढ़ में 767 एफआईआर दर्ज की गईं जिनमें दो मामलों की फाइनल रिपोर्ट लंबित है।
सीएम ने दिया एक माह का समय
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर लंबित मामलों का निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों व एसएसपी को लंबित मामलों के निस्तारण के लिए एक माह का समय दिया है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अमरोहा में महिला संबंधी अपराध की 1,142 एफआइआर दर्ज की गईं।
इनमें से 1,117 मामलों में फाइनल रिपोर्ट दे दी गई है। बाराबंकी में 1,580 एफआइआर दर्ज की गईं, इनमें से 1,549 मामलों में फाइनल रिपोर्ट दे दी गई गई। लखनऊ में 2,686 एफआइआर दर्ज की गईं जिनमें से 2,636 मामलों में फाइनल रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।