उत्तर प्रदेशराज्य

‘राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी ने बढ़ाई चार प्रतिशत भागीदारी

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजी से बढ़ रहे विकास कार्याें की चर्चा के साथ ही प्रदेश में रही बदहाली को लेकर मुख्य विपक्षी दल सपा पर हमला भी बोला। बोले, हमें विरासत में जैसा उप्र मिला था और जैसा है, वह सबके सामने है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की पंक्ति ‘मनुष्य को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे, तो दूसरा गढ़े…’ से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े।सरकार ने बढ़ती आवश्कताओं के अनुरूप बजट के दायरे को बढ़ाया। वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्तमान में उप्र का बजट दोगुणा से अधिक है। उप्र रेवेन्यू सरप्लस राज्य बन चुका है और अपनी ज्यादातर आवश्यकताओं की पूर्ति खुद करने में सक्षम हो चुका है।सीएम योगी ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पर कहा कि उप्र को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 12 हजार 209.93 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट लाए हैं। फरवरी माह में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पारित मूल बजट की 44 प्रतिशत जारी हो चुकी है और 20 प्रतिशत रकम खर्च की जा चुकी है। कहा, राष्ट्रीय जीडीपी में उप्र की भागीदारी छह-सात प्रतिशत से बढ़ाकर नौ से 10 प्रतिशत तक पहुंची है।कहा, वित्तीय वर्ष 2024-25 का मूल बजट 7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ रुपए का था। हालांकि, वित्तीय वर्ष शुरू होते ही आम चुनाव शुरू हो गया। इसके बावजूद विभिन्न विभागों के लिए बजट की 44 प्रतिशत धनराशि जारी हुई और 20 फीसदी से अधिक खर्च भी हुआ है। बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए सरकार की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है। पूंजीगत व्यय दर्शाता है कि बजट की रकम बड़े निर्माण में लग रही है। यह अनुपूरक बजट उप्र में निवेश बढ़ाने वाला है। प्रदेश की जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय दोगुणा से अधिक बढ़ी है। प्रदेश एक सही दिशा में बढ़ रहा है।

सर्वांगीण विकास के लिए जो नए मद बनाए गए हैं, उनके लिए इस नये अनुपूरक बजट की आवश्यकता पड़ी। इसके बाद इस वत्तीय वर्ष में बजट साढ़े सात लाख करोड़ रुपये हो गया है। कहा, उप्र देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने का माद्दा रखता है। वर्ष 2017 में उप्र की अर्थव्यवस्था देश में छठे-सातवें नंबर पर थी। उप्र के सामने पहचान का संकट था, लेक‍िन पर अब धारणा बदल चुकी है।

यूपी ने अपनी अर्थव्यवस्था को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना लिया है। सरकार अगले तीन और पांच वर्ष का रोडमैप तैयार कर विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य व कौशल विकास में बड़े काम हुए हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में रोजगार के नये अवसर भी सृजित हुए हैं। दूसरे राज्यों से कामगार वापस आए हैं और अब प्रदेश में ही काम कर रहे हैं।

डीबीटी के जरिए भेजे 70 हजार करोड़

योगी ने कहा कि 11 विभागों के माध्यम से 196 योजनाओं के लिए 70 हजार करोड़ रुपये का हस्तांतरण डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफटि ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे गरीबों के खातों में हुआ है।

कर चोरी रोकने को किए कड़े प्रबंध

योगी ने कहा कि कर चोरी को रोकने के लिए कड़े प्रविधान किए गए हैं। वर्ष 2017 में यूपी का ऋण जमा अनुपात 44 प्रतिशत है, जो अब 60 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि रोजगार के अवसर बढ़े हैं। राजकोषीय जवाबदेही व बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) की अधिकतम सीमा 3.5 प्रतिशत है। जबकि उप्र 2.86 प्रतिशत पर अपने वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने में सफल रहा है।

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