उत्तर प्रदेशराज्य

एलडीए बनेगा एलएमडीए… 1104 गांव होंगे शामिल

स्वतंत्रदेश ,लखनऊलखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की जगह लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण (एलएमडीए) के गठन का रास्ता साफ हो गया है। एलडीए की अध्यक्ष और मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब यह प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा। मंत्री परिषद की मंजूरी मिलने के बाद एलएमडीए के गठन की अधिसूचना जारी होगी। महानगर प्राधिकरण में जनपद के 1104 राजस्व गांव शामिल होंगे। इससे गांवों में शहर की तरह विकास होगा।महानगर प्राधिकरण में जनपद के 1104 गांव व गोसाईगंज, मोहनलालगंज गंगागंज, निगोहां, बंथरा, काकोरी, मलिहाबाद, माल, इटौंजा, बीकेटी आदि कस्बे शामिल होंगे। हालांकि, इसके दायरे में कैंट व लीडा (लखनऊ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) का क्षेत्र नहीं आएगा। सरकार की अधिसूचना जारी होते ही एलडीए वाले नियम एलएमडीए में लागू होंगे। महानगर प्राधिकरण के प्रस्ताव में बाराबंकी जनपद का भी एक तिहाई हिस्सा शामिल था, जिसे शासन के हस्तक्षेप के बाद हटा दिया गया।

अब 2528 वर्ग किमी के हिसाब से बनेगा मास्टर प्लान 2031
एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड ने एलएमडीए के गठन के बाद नए सिरे से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 50.50 लाख आबादी व 2528 वर्गकिमी के क्षेत्रफल के हिसाब से नया मास्टर प्लान 2031 तैयार होगा। इसे फाइनल करने से पहले शहरी व ग्रामीण जनता से आपत्तियां मांगी जाएगी। अभी एलडीए का क्षेत्रफल 1025 वर्ग किमी है।

अभी निर्माण पर नहीं मिलेगा नोटिस
जब तक एलएमडीए का विधिवत गठन नहीं होता, तब तक इसके दायरे में आने वाले 1104 राजस्व गांवों में किए जाने वाले निर्माण को लेकर नोटिस जारी नहीं होगा। हालांकि, एलएमडीए के अस्तित्व में आते ही खेत पर मॉल, टाउनशिप, प्लॉटिंग, बहुमंजिला आवासीय इमारतें बनाने के लिए भू-उपयोग परिवर्तित कराना जरूरी होगा। ऐसा न किया तो प्रवर्तन की कार्रवाई की जाएगी।

300 वर्गमीटर तक पर बना सकेंगे फ्लैट

एलडीए बोर्ड की मंजूरी के बाद अब न्यूनतम 300 व अधिकतम 2000 वर्गमीटर के भूखंड पर तीन मंजिला फ्लैट बना सकेंगे। शहर भर में 12 मीटर और इससे अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित इन भूखंडों पर तीन मंजिला फ्लैट बनाने का नक्शा एलडीए से पास किया जाएगा। भूतल पर पार्किंग और उसके ऊपर तीन तल का अपार्टमेंट बनाने के लिए प्रति तल 1.17 लाख रुपये के हिसाब से शुल्क देना पड़ेगा।

एलडीए उपाध्यक्ष ने कहा, इस शुल्क से होने वाली आय उसी क्षेत्र के विकास पर खर्च होगी, जहां अपार्टमेंट बनेगा। तीन मंजिला फ्लैट बनाने की सहूलियत एलडीए की योजना वाली कॉलानियों गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, जानकीपुरम, आशियाना सहित सभी में सशर्त मिलेगी। मानचित्र पास करने से पहले वहां की जनता से विचार लिया जाएगा। यदि भूखंड पर फ्लैट बनाने का विरोध होगा तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

व्यावसायिक भूखंडों पर बन सकेंगी ऊंची इमारतें
गोमतीनगर विस्तार, सीजी सिटी, बसंतकुंज की तर्ज पर जानकीपुरम, गोमतीनगर, अलीगंज आदि कॉलोनियों के व्यावसायिक भूखंडों पर खरीदार ऊंची इमारतें बना सकेंगे। विकसित कॉलोनियों का एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) 1.5 से 2.5 और अविकसित कॉलोनियों का एफएआर 2.5 से 3.75 कर दिया गया है। इससे एलडीए के खाली पड़े 6000 करोड़ के भूखंडों की आसानी से बिक्री हो सकेगी।

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