उत्तर प्रदेशराज्य

कानपुर में तेजी से फ़ैल रहा कोरोना वायरस

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कांशीराम अस्पताल को जीका वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज का नोडल सेंटर बनाया गया है। इसके लिए प्रत्येक बेड पर मच्छरदानी लगाई जाएगी ताकि मच्छर एक मरीज से दूसरे मरीज तक संक्रमण न फैला सकें। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होने वाले बुखार पीडि़तों के लिए 10-10 मच्छरदानी दी जाएंगी। महकमे का सारा फोकस वायरस के सोर्स का पता लगाने और मच्छर को नियंत्रित करने पर है।

कानपुर में जीका वायरस की दस्तक के बाद एक दिन में छह मरीज मिलने सें संख्या दस हो गई।

जीका वायरस से बचने के लिए क्या करें?
जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं. जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल और खून को जांचे बिना शरीर में ना चढ़वाना. 

इस वायरस का कोई टीका नहीं है, न ही कोई उपचार है. इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) दी जाती है. 

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