उत्तर प्रदेशलखनऊ

गाड़ी से न‍िकला धुआं तो होगा चालान

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :सख्त मोटर व्हीकल एक्ट और भारी जुर्माना के बाद भी यातायात के नियमों के हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए यातायात पुलिस ने धुआं उगल रहे वाहनों पर नकेल कसने के लिए ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है, जो वायु व ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। जिनके धुआं से शहर की आबोहवा जहरीली हो रही है।

सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी कर धुआं उगल रहे वाहनों को शहर की सड़कों पर आसानी से देखा जा सकता है। जिनके वाहन स्वामियों के पास प्रदूषण का प्रमाण पत्र तो है लेकिन अचानक इंजन में खराबी आने के बाद धुआं उगल रहे हैं।

सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी कर धुआं उगल रहे वाहनों को शहर की सड़कों पर आसानी से देखा जा सकता है। जिनके वाहन स्वामियों के पास प्रदूषण का प्रमाण पत्र तो है, लेकिन अचानक इंजन में खराबी आने के बाद धुआं उगल रहे हैं। यातायात पुलिस ने ऐसे वाहनों का चालान करने के लिए शहर के चौराहों पर लगे 80 कैमरों की मदद लेगी। साथ ही थाना व यातायात पुलिस यातायात नियम तोड़ने वालों का चालान करने के लिए मिले नौ सौ मोबाइल फोन से ऐसे वाहनों की फोटो खींच कर चालान करने की कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। यातायात पुलिस ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रदूषण के स्तर का तय मानक को पूरा न करने वाले धुआं दे रहे वाहनों का चालान करेगी। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पर दस हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

सरकारी वाहनों पर नहीं हो रही कार्रवाई

पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से लागू की गई पीयूसी(पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) की अनिवार्यता के बाद भी सरकारी वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से निजी वाहनों के चालान तो काटे जा रहे है, लेकिन अफसरों व मंत्रियों के सरकारी वाहनों पर कोई कार्रवाई करने से बचते हैं। शहर में जहरीला धुआंं छोड़ने में रोडवेज की बस के साथ पुराने डीजल वाहन हैं।

वाहन स्वामियों को इन नियमों का करना होगा पालन

  • बीएस-2, बीएस-2 या बीएस-3 के कॉमर्शियल वाहनों की फिटनेस और प्रदूषण जांच जरूरी
  • शहरी क्षेत्र में डीजल के टेंपो नहीं लाना
  • प्रदूषण प्रमाणपत्र होने के बाद भी इंजन की खराबी आने पर धुआंं आते ही कराना होगा सही

प्रेशर हार्न लगाने वालों पर भी कार्रवाई

वाहनों में प्रेशर हार्न का प्रयोग करने वालों से भी यातायात पुलिस ने सख्ती से निपटना शुरू कर दिया है। इसके लिए ध्वनि प्रदूषण चेक करने वाली मशीन के साथ पांच टीमों को लगाया है।

वहानों में लगे हार्न की आवाज 93 से 112 डेसीबल तक हीहोनी चाहिए। वाहन की कंपनियां इतने ही डेसीबल के हार्न लगाती है। इससे ज्यादा के प्रेशर हार्न का प्रयोग करने वालों पर पहली बार में तीन माह की सजा और दस हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

”प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए पुराने वाहनों को बिना फिटनेस प्रमाणपत्र सड़क पर नहीं चलने दिया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहनों पर भी नकेल कसी जाएगी जो प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने के कुछ ही दिनों पर इंजन में खराबी आने के बाद धुआं देने लगे। ऐसे वाहनों की फोटो खींच कर चालान किया जा रहा है। प्रदूषण को लेकर जारी गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने के लिए सभी आरआई को प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”

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