नो स्मोकिंग डे, आज ही लें फैसला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:धूम्रपान का असर फेफेड़े, दिल और अन्य अंगों पर भी पड़ता है। कई वर्षों से धूम्रपान करने वालों का नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को ‘नो स्मोकिंग डे’ यानी ‘धूम्रपान निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष यह आज नौ मार्च को मनाया जा रहा है। इस वर्ष की थीम ‘धूम्रपान छोड़ना तनावपूर्ण नहीं होना चाहिए’ है। धूम्रपान छोड़ने से लगभग 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स) – 2 के 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 13 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं। 35 प्रतिशत से अधिक वयस्क सेकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आते हैं। धूम्रपान करने वाले 30 प्रतिशत और धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहने वाले 70 प्रतिशत लोग प्रभावित होते हैं।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. सूर्यकांत कहते हैं कि सेकंड हैंड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है क्योंकि वह सीधे संपर्क में आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है। डा. सूर्यकांत का कहना है कि सिगरेट छोड़ने के बाद का एक सप्ताह का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हफ्ते भर धूम्रपान नहीं किया तो आप पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ सकते हैं।