अयोध्या में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय
स्वतंत्रदेश ,लखनऊअयोध्या में 750 करोड़ से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय (भारतीय मंदिर संग्रहालय) का निर्माण कराया जाएगा। इसमें भारतीय संस्कृति के उद्भव से लेकर आज तक की चीजों का संयोजन और संग्रह किया जाएगा। टाटा संस कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से इसका निर्माण कराएगा, जबकि पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए 25 एकड़ भूमि निशुल्क दी जाएगी। पर्यटन विभाग एक रुपये की लीज पर यह जमीन पहले 90 फिर 90 वर्ष के लिए देगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दीप्रदेश में हाल के दिनों में धार्मिक पर्यटन काफी तेजी से बढ़ा है। यहां पर आने वाले पर्यटकों को रोकने और पर्यटन के अन्य स्रोत बढ़ाने पर पर्यटन विभाग काम कर रहा है। इसी क्रम में उसकी तरफ से भारतीय मंदिर संग्रहालय की कार्य योजना तैयार की गई है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मंदिर संग्रहालय में भारतीय संस्कृति के उद्गम से लेकर आधुनिक संस्कृति तक के बारे में एक जगह पर जानकारी होगी। इसमें वेद, रामायण, मंदिर-पूजा पद्धति से जुड़ी प्रामाणिक चीजें, उनके उद्भव, संस्कृति, इसके लाभ आदि के बारे में विस्तृत तरीके से जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें जहां पौराणिक जानकारी होगी, वहीं उनका आधुनिक वर्जन भी होगा। उन्होंने बताया कि राम की पैड़ी से गुप्तार घाट के पास इसके लिए 25 एकड़ जमीन टाटा को दी जाएगी।
टाटा सीएसआर फंड से 650 करोड़ आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं पर खर्च करेगा। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं, विदेशी पर्यटकों, भारतीय संस्कृति और सभ्यता में रुचि रखने वालों अन्य पर्यटकों को आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण से न सिर्फ अयोध्या बल्कि प्रदेश के अन्य स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदेश में राजस्व व रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मंदिर और पूजा से जुड़ी जानकारी व चीजें होंगी
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि संग्रहालय में मंदिर का पूरा स्वरूप, दर्शन, पौराणिक काल में उसकी संकल्पना, पूजा क्या है? मंदिर कैसे बना, इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण इसके बारे में प्रामाणिक जानकारी होगी। साथ ही विश्व भर में मंदिरों के प्रकार, आकार, उनके आधुनिक स्वरूप को भी दिखाया जाएगा।