आकाश के लिए चुनौतीपूर्ण होगी संगठन के विस्तार की राह
स्वतंत्रदेश ,लखनऊबहुजन समाज पार्टी में नेशनल कोऑर्डिनेटर और मायावती के उत्तराधिकारी पद की जिम्मेदारी वापस मिलने के बाद आकाश आनंद की चुनौतियां बढ़ गई हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश से इन जिम्मेदारियों को वापस लेने के बाद बसपा सुप्रीमो पर उनकी वापसी का दबाव बढ़ता जा रहा था। अब आकाश की वापसी के साथ ही उन्हें पूरे देश में संगठन के विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।सूत्रों के अनुसार यूपी को छोड़कर अन्य राज्यों के जोनल कोऑर्डिनेटर अब आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। उन्हें राज्यों में कैडर कैंप के जरिये पार्टी का जनाधार बढ़ाने का निर्देश भी मिला है। साथ ही, पार्टी के पुराने मिशनरी नेताओं को वापस जोड़ना है। दरअसल, बीते एक दशक में बसपा छोड़कर गए नेताओं की वापसी नहीं हो सकी है। इनमें बसपा के मिशन को आगे बढ़ाने वाले पूर्व राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश जैसे तमाम नेता और दलित चिंतक शामिल हैं। बता दें कि आकाश के साथ जयप्रकाश की वापसी की भी बसपा समर्थक लगातार मांग कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर बसपा के तमाम अन्य पुराने नेता भी पार्टी से किनारा कर चुके हैं, जिन्हें दोबारा साथ लाने की जिम्मेदारी भी मायावती ने आकाश को दी है। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान बरेली, झांसी, सहारनपुर आदि जिलों के जिन पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर किया गया था, उनकी भी आकाश की तर्ज पर जल्द वापसी हो सकती है।
आकाश ने जताया आभार
मायावती द्वारा दोबारा सारी जिम्मेदारी देने के बाद आकाश आनंद ने उनका आभार व्यक्त किया है। एक्स पर जारी अपने बयान में आकाश ने कहा कि बहुजन समाज के उत्थान के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली, बाबा साहब के मिशन के लिए समर्पित, करोड़ों दलित बच्चों के सपनों को साकार करने वाली बहुजन समाज की प्रेरणास्रोत मायावती का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्होंने अहम जिम्मेदारी दी है, उसे पूरे जी-जान से निभाना है।
इधर, चंद्रशेखर ने ललकारा
वहीं दूसरी ओर बसपा में हुए अहम बदलावों के बाद आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक खबरिया चैनल से बातचीत में कहा कि बसपा के लिए अब यूपी में उपचुनाव लड़ना मजबूरी बन गया है। बसपा उपचुनाव नहीं लड़ती है। इस बार सारी सीटों पर उनको अपने प्रत्याशी उतारने पड़ेंगे।