यूपी में गर्मी का प्रचंड कहर, अब तक 119 लोगों की मौत;
स्वतंत्रदेश ,लखनऊभीषण लू का मौसम कानपुर समेत पूरे गंगा-यमुना के मैदान को झुलसा रहा है। इसके साथ ही सोमवार को पश्चिम से पूरब की ओर बह रही पछुआ हवा की औसत गति भी रविवार के मुकाबले 7.1 किमी से बढ़कर सोमवार को 9.1 किमी प्रति घंटा हो गई। इससे पछुआ के कमजोर होने से पुरवा हवा चलने की जो उम्मीद थी, वह भी टूट गई है। अब अगले तीन दिन तक मौसम में नरमी के आसार नहीं हैं। हीट स्ट्रोक के कारण सोमवार देर रात तक 32 लोग की मौत हो गई। हालांकि चिकित्सक मौत के अलग-अलग कारण बता रहे हैं। उनका कहना है कि शारीरिक रूप से कमजोर व अस्वस्थ लोगों को मौसम ज्यादा प्रभावित कर रहा है। लू या तपिश से मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम से ही हो सकती है।
पश्चिम बंगाल और बिहार के पूर्वी हिस्से में ठहरे मानसून का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। शनिवार को 10.1 किमी की औसत गति से चल रही पछुआ की रफ्तार जब रविवार को कम हुई तो मौसम विज्ञानियों को मानसून के यूपी की ओर खिसकने की उम्मीद सोमवार को नाउम्मीदी में बदल गई। सोमवार को कई जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से चार से नौ डिग्री तक ऊपर चला गया।मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इसकी वजह है कि हर साल 17 जून के आसपास मानसून का असर दिखने लगता था और तापमान नियंत्रित रहता था। इस साल भीषण गर्मी की स्थिति अभी कम से कम तीन दिन बनी रहेगी।मौसम विज्ञानी के अनुसार, 20 जून से तापमान की तीव्रता में धीरे-धीरे गिरावट शुरू होने के आसार हैं। जब तक पछुआ हवा का वेग तेज बना रहेगा तब तक मानसून अपनी तेजी से नहीं पहुंचेगा। इसका दूसरा तरीका है कि बंगाल की खाड़ी से तूफानी हवा शुरू हो जो कम से कम 15 से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यूपी में पहुंचे। तभी पछुआ हवा के साथ पहुंच रही गर्म हवा का प्रकोप कम होगा और मानसून के बादल आएंगे।