उत्तर प्रदेशराज्य

रोडवेज बस ने श्रद्धालुओं से भरे टेंपो को मारी टक्कर

स्वतंत्रदेश,लखनऊगंगा स्नान कर टेंपो से लौट रहे श्रद्धालुओं को सामने से रोडवेज बस ने रौंद दिया। टक्कर लगते ही टेंपो सड़क किनारे खंदी में पलट गया। टेंपो चालक समेत पांच साल के बालक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मृत बालक के बाबा समेत आठ श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हादसा बरेली-मथुरा हाईवे पर करूआ पुल के पास गुरुवार सुबह करीब 08:30 बजे हुआ। टेंपो में बच्चों समेत करीब 10 लोग सवार थे। सभी गंगा स्नान कर घर लौटने को कछला से टेंपो में सवार हुए। पुल के पास अचानक ही सामने से तेज रफ्तार रोडवेज बस ने उसे चपेट में ले लिया। इसके बाद टेंपो सड़क किनारे खंदी में गिरकर पलट गया। श्रद्धालुओं में कोतवाली क्षेत्र के गांव संजरपुर निवासी पांच साल के प्रभात उर्फ बसंत पुत्र अमित कुमार सिंह और टेंपो चालक संभल जिले में चंदौसी के मोहल्ला लक्ष्मनगंज निवासी मोनू उर्फ मोनिश (28) पुत्र मुन्ना अली की मौके पर ही मौत हो गई।

श्रद्धालुओं में कोतवाली क्षेत्र के गांव संजरपुर निवासी टेंपो सवार महेश सिंह (55) पुत्र धर्मपाल, बरामालदेव निवासी राजेंद्र सिंह (48) पुत्र मोहनलाल, उनकी पत्नी बीना (47), उनके बच्चों में बेटी आरती (16), भारती (15), शिवम (21), अंजली (13) और सत्यम (11) घायल हैं। मृत प्रभात अपने बाबा महेश की गोद में था। टेंपो चालक मोनिश की शिनाख्त उनकी किन्नर मित्र बदायूं में लालपुल निवासी कशिश ने की। कशिश ने बताया कि मोनिश पिछले तीन-चार साल से उसी के साथ रहते थे। घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा अधीक्षक राजकुमार गंगवार समेत स्वास्थ्य कमियों ने उपचार किया। इनमें राजेश, महेश, बीना, भारती और अंजली को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मौके पर पहुंचे दरोगा मनोज कुमार ने बताया कि दोनों शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। रोडवेज बस को कछला में पकड़ लिया गया है।

गंगा नहाने जाने की जिद में चली गई बाबा के लाड़ले प्रभात की जान
रोडवेज बस की टक्कर से टेंपो सवार पांच साल के प्रभात उर्फ बसंत की मौत से उसके परिजन बदहवास हैं। सुबह जब उसके बाबा महेश गंगा स्नान करने के लिए घर से निकले, तभी प्रभात जिद करने लगा। वह अपने बाबा का लाड़ला था, सो वह उसे गोद में उठाकर चल पड़े। पांच साल के प्रभात उर्फ बसंत के पिता अमित कुमार सिंह की तीन संतान में वह इकलौता पुत्र था। बेटियों में आठ साल की वंदना और डेढ़ साल की आरती है। 

हादसे की खबर मिलते ही रोते-बिलखते पहुंचे परिजन
हादसे में प्रभात की मौत का पता लगाते ही पिता समेत परिवार के लोग रोते- बिलखते अस्पताल आ गए। पिता अमित ने बताया कि सुबह प्रभात के बाबा महेश घर से निकले तो वह साथ जाने की जिद करने लगा। उसे रोकने की कोशिश भी की गई, लेकिन वह नहीं माना। दूसरा यह, प्रभात अपने बाबा का लाडला था। वह भी उसे रोता हुए देखना नहीं चाहते थे, सो गोद में उठाकर चल पड़े। घायलों में शिवम ने बताया कि बालक टेंपो की अगली सीट पर बैठे महेश की गोद में था। बस की टक्कर लगते ही वह उनकी गोद से छिटक कर दूर जा गिरा। घायल होने से बेहोश महेश को तो नाती की मौत का अहसास भी नहीं हो पाया।

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