यूपी में गर्मी जनित और संक्रामक रोगों की निगरानी बढ़ी
स्वतंत्रदेश , लखनऊउत्तर प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। ऐसे में लू के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्मी जनित बीमारियों के साथ ही संक्रामक रोगों के प्रति निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) को भी निरंतर खाद्य पदार्थों की जांच करते रहने के लिए कहा गया है। हालांकि अप्रैल माह में एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मरीज मिलने की कोई घटना नहीं हुई है।
प्रदेश के सभी अस्पतालों में गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। कमरों को ठंडा रखने के लिए एसी और कूलर की व्यवस्था की गई है। लू के मरीजों को भर्ती करने के लिए सभी अस्पतालों में वार्ड तैयार किए गए हैं। इस मौसम में विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थों के जरिये संक्रामक रोग फैलने की भी आशंका रहती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं अधीक्षकों को नए सिरे से निर्देश जारी किए हैं।
इसमें निर्देशित किया है कि लू के मरीजों की यह भी जांच की जाए कि वे किन परिस्थितियों में उल्टी दस्त के शिकार हुए हैं। एक ही स्थान पर पांच अथवा अधिक मरीज मिलने पर टीम बनाकर जांच की जाए ताकि बीमारी की वजह स्पष्ट हो सके। एक ही स्थान पर करीब पांच मरीज मिलते हैं तो वहां स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम अथवा नगर पंचायत, ग्राम पंचायत की टीम लगाई जाए। ऐसे मामलों की हर दिन की रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के भी निर्देश दिए हैं।
एफएसडीए ने बढ़ाई निगरानी
गर्मी के मौसम में विभिन्न स्थानों पर खुले में जूस, फल एवं खाद्य पदार्थ की बिक्री होती है। इसके संक्रमित होने की आशंका रहती है। ऐसे में एफएसडीए की टीम निरंतर निगरानी करेगी। एफएसडीए के उपआयुक्त हरिशंकर सिंह ने सभी खाद्य निरीक्षकों को हर रोज जांच करने और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी विक्रेताओं से अपील की है कि गुणवत्तायुक्त खाद्य तेल का प्रयोग करें। एक ही तेल को बार-बार गरम करके उससे खाद्य पदार्थ तैयार न करें।
संचारी रोग अभियान के दौरान विशेष जागरूकता
प्रदेश में 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में प्रमुख सचिव ने अभियान के दौरान गर्मी जनित और संक्रामक बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ 12 अन्य विभागों की टीमें भी जुड़ी हैं। विभिन्न विभागों के समन्वय से प्राथमिकता के आधार पर लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।