भूमि संरक्षण विभाग के बाबू ने एक और कारनामा
स्वतंत्रदेश,लखनऊकानपुर में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की योजना में प्रधान और परियोजना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर कर छह लाख रुपये उड़ाने वाले भूमि संरक्षण विभाग के बाबू का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। उसने एक और गांव में फर्जी काम दिखाकर प्रधान और परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर कर अपने करीबी के खाते में पांच लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।इस प्रकार उसने 11 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया। अमर उजाला में मामला प्रकाशित होने के बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू कराई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। भूमि संरक्षण विभाग में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जलागम विकास घटक परियोजना का संचालन दो वर्षों से किया जा रहा है।इसके तहत गंगा किनारे बसे गांवों की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाता है। इसमें विभाग मेड़बंदी, तालाब खोदाई और अन्य कच्चे काम कराता है। योजना के तहत वर्ष 2022 में घाटमपुर ब्लॉक की बावन ग्राम पंचायत में 750 हेक्टेयर और कोरियां गांव में करीब 600 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई थी।
फर्जी काम दिखाकर किया गया भुगतान
बावन गांव में करीब 13 लाख रुपये और कोरियां गांव में करीब 28 लाख रुपये से काम कराने की परियोजना बनी थी। शासन से जारी धनराशि में विभाग के बाबू दिलीप पटेल ने बावन गांव में करीब सात लाख रुपये का सही भुगतान और पांच लाख रुपये का भुगतान अपने करीबी के खाते में कर दिया था। इसी तरह कोरियां गांव में 28 लाख रुपये का सही भुगतान हुआ, लेकिन पांच लाख रुपये का फर्जी काम दिखाकर भुगतान कर दिया।तीन सदस्यीय जांच कमेटी फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। सभी परियोजनाओं में किए गए भुगतान की जांच होगी। धनराशि सामने आने के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। मामला संज्ञान में है। सीडीओ को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। इसकी गंभीरता से जांच होगी। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।