उत्तर प्रदेशराज्य

महाभारत के सहारे योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना

स्वतंत्रदेश,लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने तो दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, लेकिन हम तो केवल तीन की बात कर रहे हैं। उन्होंने अयोध्या, काशी व मथुरा की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये सामान्य स्थल नहीं, बल्कि ईश्वर के अवतरण स्थल है।विधानसभा में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय क्षण बताया। राम मंदिर को लेकर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया के लिए अद्भुत क्षण था। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके साथ ही भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ। योगी ने कहा कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया। जो कहा सो किया। जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि भी हुई। विधानसभा में 1 घंटे 49 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री ने करीब 50 मिनट तक अयोध्या पर बात की।

मुख्यमंत्री पहली बार विधानसभा में काशी, अयोध्या व मथुरा पर खुलकर बोले। कहा कि जिस तरह भगवान कृष्ण ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, उसी तरह यहां सिर्फ तीन स्थलों की बात की गई थी। लेकिन एक जिद थी और उसमें राजनीतिक तड़के व वोट बैंक की प्रवृत्ति ने विवाद खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री ने सपा पर तंज कसते हुए कहा कि तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा… तो महाभारत युद्ध तो होना ही था। कौरव समाप्त हो गए।

सीएम ने कहा कि अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से कहा था कि दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम। दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को बंधक बनाने की कोशिश, उल्टे हरि को बांधने चला, जो था असाध्य उसे साधने चला…। यही तो हुआ था अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ। ये तीनों विशिष्ट स्थल हैं। पहली बार देखने को मिला कि लोक आस्था के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ा।

नंदी बाबा ने रातोंरात बैरिकेडिंग तोड़वा दी, अब कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले
योगी ने कहा कि अयोध्या का उत्सव दुनिया ने देखा तो नंदी बाबा ने कहा, हम क्यों इंतजार करें। काशी में रातोंरात बैरिकेडिंग तुड़वा दी। अब हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने केवल हमारी धन दौलत को नहीं लूटा था, बल्कि हमारी लोक आस्था पर प्रहार किया था। आजादी के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें केवल वोट बैंक के लिए महिमामंडित करने का कुत्सित प्रयास किया। अब ये देश इसे स्वीकार नहीं करेगा।

अब अयोध्या में कर्फ्यू व प्रतिबंध नहीं
मुख्यमंत्री ने अयोध्या और महाभारत के बीच समानता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्यानगरी को प्रतिबंधों और कर्फ्यू के दायरे में रखा। अयोध्या सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। लोक आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी देखने को नहीं मिला। दुनिया की यह पहली घटना है जब प्रभु ने अपने अस्तित्व के लिए प्रमाण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि अब अयोध्या में न कर्फ्यू लगेगा न परिक्रमा पर प्रतिबंध।

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