श्रीराम के लिए पहुंच रहे उपहार, जर्मनी से आए श्रद्धालु; प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर अभेद्य सुरक्षा
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ अयोध्या इतिहास रचने के बहुत करीब है। जिस दिन का सभी सनातनियों को अरसों से इंतजार था, वो दिन बस आने ही वाला है। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में अब प्रभु विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देने वाले हैं। आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का पांचवा दिन है।गर्भगृह में रामलला के दर्शन नहीं होंगे। अब 23 जनवरी से दोबारा दर्शन आरंभ होगा, लेकिन नवनिर्मित भव्य दिव्य राममंदिर में। वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान रामलला को नवर्निर्मित राममंदिरके गर्भगृह में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए स्वर्ण मंडित आधार तैयार किया गया है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि हम सभी तैयारियां कर रहे हैं। रिहर्सल भी की जा रही है। सभी एजेंसियों के साथ समन्वय बना रहे हैं…ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी रखी जा रही है…मेहमानों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं…हमने सभी लोगों से अपील की है कि 23 जनवरी के बाद दर्शन करने के लिए आए।डीआइजी मनोज शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देजनर हमारी 3 टीमें यहां तैनात हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय बनाकर हमने टीमें तैनात की हैं। हमारी एक टीम घाटों पर तैनात है। हम हर तरीके की चुनौती से निपटने के लिए सक्षम हैं।अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
शनिवार को एनडीआरएफ ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के पास शिविर स्थापित किया। 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में रंगोलियां बनाई जा रही हैं।अलीगढ़ से अयोध्या पहुंचा सबसे बड़ा ताला। इसका वजन करीब 400 किलोग्राम है। इसे क्रेन की मदद से वाहन से उतारा गया प्राण प्रतिष्ठा दिवस से पहले छत्तीसगढ़ से श्रद्धालु अयोध्या में मीठे बेर लेकर आए हैं। दरअसल वनवास के वक्त प्रभु राम ने भाई लक्ष्मण संग शिवरीनारायण में माता शबरी के जूठे बेर खाए थे। अब रामलला के लिए 17 श्रद्धालु यही बेर लेकर अयोध्या पहुंचे हैं।राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी के 11 दिवसीय अनुष्ठान पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो व्यक्ति अनुष्ठान करता है उसे फर्श पर सोना होता है। अनुष्छान करने वाला व्यक्ति झूठ नहीं बोलता, जप करता है। वह गायत्री मंत्र जैसे मंत्रों का जाप करता है। सत्येंद्र दास ने कहा कि उस व्यक्ति को पत्ते पर भोजन करना होता है और ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।देश-दुनिया से श्रीराम की ओर से उपहार मिलने पर श्रीराम मंदिर के यजमान अनिल मिश्रा ने कहा कि जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर देश भर से लोग श्रीराम को प्रसाद चढ़ा रहे हैं।