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यूपी के सभी जिलों में लागू होगा मंडी एप का मॉडल

स्वतंत्रदेश,लखनऊकिसानों के लिए परेशानी बन रही पराली अब आय का जरिया बनेगी। बरेली की मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की ओर से तैयार पराली मंडी एप की सराहना करते हुए सरकार ने इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने पर सहमति जताई है।पिछले दिनों मंडलायुक्त ने इस एप को तैयार कराया था। एप पर किसानों का ब्योरा दर्ज किया जाएगा। बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट संचालित कर रहीं कंपनियां ब्योरे के आधार पर किसानों से सीधा संवाद कर पराली की कीमत तय करने के बाद उसे उठाएंगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी। फिलहाल, एप पर अभी किसानों का ब्योरा अपलोड किया जा रहा है। बीते दिनों मंडलायुक्त ने रिन्यूवल एनर्जी कॉन्क्लेव में  एप का प्रस्तुतीकरण दिया था, जिसे शासन ने सराहा।

मंडल में होती है 27 लाख टन पराली
बरेली मंडल के 1.17 लाख पंजीकृत किसान सालाना करीब 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती करते हैं। एक हेक्टेयर में न्यूनतम पांच टन पराली होती है। इस लिहाज से मंडल में करीब 27 लाख टन पराली होती है। एप के जरिये पराली बायो गैस प्लांट तक पहुंचेगी।

एचपीसीएल प्लांट करेगा खरीदारी
एप के जरिये बदायूं के दातागंज में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के बायो गैस प्लांट के लिए पराली की आपूर्ति हो सकेगी। 120 करोड़ की लागत से यह सीबीजी प्लांट वर्ष 2021 में बन गया था पर पराली न मिलने से संचालित नहीं हो सका।मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बरेली मंडल में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने और किसानों को पराली का उचित मूल्य दिलाने के लिए विकसित एप सेतु बनेगा। प्रदेश सरकार के समक्ष प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण हुआ था। सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने पर सहमति जताई है।

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