उत्तर प्रदेशराज्य

ठगी का नया तरीका,ऐसी गलती भूलकर ना करें आप

स्वतंत्रदेश , लखनऊइंडियन आर्मी और सैन्य कर्मी का हवाला देकर जालसाज लोगों के बैंक खाते से आसानी से रुपये निकालने में सफल हो जा रहे हैं। आमजन भी आसानी से फोन पर लुभावनी बातों या फिर वेबसाइटों पर आकर्षक ऑफर देख झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई लुटा दे रहे हैं। इसे लेकर साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स का दो टूक कहना है कि हम जितना सतर्क रहेंगे, उतने ही सुरक्षित रहेंगे। फोन या वेबसाइट की बजाय आमने-सामने की बात पर ही भरोसा करना साइबर क्राइम से बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका है।

कागज मंगवा कर लगाई 1.83 लाख रुपये की चपत
चौक थाना के खोवा गली निवासी कागज व्यवसायी राकेश डोढ़ी के पास 11 अक्तूबर को फोन आया। कहा गया कि इंडियन आर्मी से बोल रहे हैं, कागज की डिमांड है। कैंटोनमेंट स्थित कार्यालय में कागज की खेप भेज दें। राकेश डोढ़ी ने कागज की खेप भिजवाई, उसी दौरान उनके पास कुनाल चौधरी नामक व्यक्ति ने फोन किया और सिक्योरिटी मनी जमा करने के लिए कहा गया।

उन्हें उलझा कर उनके खाते से एक लाख 83 हजार 502 रुपये ट्रांसफर करा लिए गए और कुछ पैसा जी-पे के माध्यम से लिया गया। उधर, कैंटोनमेंट स्थित कार्यालय में उनके द्वारा भेजी गई कागज की खेप भी नहीं ली गई। प्रकरण को लेकर चौक थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

बाइक बेचने के नाम पर ऐंठ लिए रुपये

चंदौली के पीडीडीयू नगर निवासी अविनाश तिवारी उर्फ सोनू ने बताया कि ओएलएक्स पर उन्होंने एक बाइक का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन पोस्ट करने वाले को उन्होंने फोन किया। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को सैन्य कर्मी बताया और कहा कि उसका तबादला 39 जीटीसी से पंजाब के लिए हो गया है। इसलिए वह अपनी बाइक 30 हजार रुपये में बेच कर जाना चाहता है।

बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो विज्ञापन पोस्ट करने वाले ने उन्हें बाबतपुर एयरपोर्ट बुलाया। इसके साथ ही बाइक दिखाने के लिए तीन हजार रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराया। फिर, गेट पास बनवाने के नाम पर पांच हजार रुपये लिया और फिर तीन हजार रुपये और लिया। इसके बाद कॉल रिसीव करना ही बंद कर दिया।

मकान किराये पर लेने का झांसा देकर उड़ाई रकम

सुसुवाही क्षेत्र निवासी सुरेंद्र नारायण शर्मा ने अपना फ्लैट किराये पर देने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन दिया था। उनके पास खुद को सैन्य कर्मी बताते हुए एक व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि उसकी पोस्टिंग कश्मीर में है। बच्चों को पढ़ाने के लिए परिवार बनारस में रखना चाहता है। बात तय हुई तो उसने कहा कि हमारे खाते में एक रुपये ट्रांसफर कर दें ताकि एडवांस भेज सकूं। सुरेंद्र नारायण ने एक रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया तो कुछ देर बाद तीन बार में उनके खाते से 90 हजार रुपये कट गए।

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