राम की पैड़ी की तर्ज पर बनेगी चार किलोमीटर लंबी नहर
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:रामनगरी में 1893 एकड़ में प्रस्तावित नव्य अयोध्या रामायण की थीम पर विकसित होगी। यह आधुनिकता के साथ रामायण कालीन दृश्यों से सुसज्जित होगी। यहां राम की पैड़ी की तर्ज पर एक छोटी नहर भी विकसित की जाएगी, जिसमें सरयू का पानी प्रवाहित होगा। ताकि यहां भी पर्यटक स्नान कर सकेंगे। इस नहर का डिजाइन तैयार करने का जिम्मा आईआईटी रुड़की को सौंपा गया है। आईआईटी रुड़की ने राममंदिर के मास्टर प्लान में भी अपना योगदान दिया था।आईआईटी रुड़की नव्य अयोध्या की महायोजना बनाएगी। वाल्मीकि रामायण की थीम पर आधुनिकता के समावेश के साथ विकसित होने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में जो निर्माण होंगे वे गुजरात के अहमदाबाद में बनी गिफ्ट सिटी के मानकों पर होंगे। योजना के तहत नव्य अयोध्या तक सरयू नदी का पानी लाया जाएगा। इसके लिए एक छोटी नहर राम की पैड़ी की तर्ज पर विकसित की जाएगी। यह नहर करीब चार किलोमीटर लंबी होगी। जो लोग सरयू स्नान के लिए नया घाट तक नहीं जा पाएंगे वे नव्य अयोध्या के इस नहर में डुबकी लगा सकेंगे।
योजना का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए कार्यदायी संस्था आवास विकास विभाग ने आईआईटी रुड़की व एनआईओएच से करार किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाईड्रोलॉजी संस्था नहर का डिजाइन व मास्टर प्लान आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर तैयार करेगी। नव्य अयोध्या में बनने वाली सड़क, ड्रेनेज, आवास, मठ-मंदिर, धर्मशाला, सीवर, वाटरलाइन का स्वरूप, लंबाई, चौड़ाई का पूरा डिजाइन तैयार किया जाएगा।
रोपित किए जाएंगें रामायण कालीन वृक्ष
नव्य अयोध्या में रामायण कालीन वृक्षों को रोपित किए जाने की योजना है। राम की पैड़ी की तर्ज पर यहां पिकनिक स्पॉट भी विकसित किया जाएगा। यह स्थान पूरी तरह से इकोफ्रेंडली होगी। 25 फीसदी भाग में ग्रीन एंड ब्लू वन विकसित किए जाएंगें। इनमें वाल्मीकी रामायण में वर्णित वृक्षों का रोपण किया जाएगा ताकि भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति हो सके।
आवास विकास के अधिशाषी अभियंता ओपी पांडेय का कहना है कि नव्य अयोध्या आधुनिकता के साथ रामायण काल की थीम पर विकसित हो रही है। योजना का ले-आउट, डिजाइन तैयार करने के लिए आईआईटी रुड़की व एनआईओएच को जिम्मेदारी दी गई है। यहां राम की पैड़ी की तर्ज पर एक छोटी नहर भी विकसित की जाएगी, जिसमें सरयू का पानी रहेगा। पर्यटक नव्य अयोध्या के घाटों पर भी स्नान कर सकेंगे।