फाइलेरिया के प्रति बचाव को लेकर सरकार की अपील
अपना पांव हाथी जैसा होने से बचाने और हाइड्रोसील से बचने के लिए बस एक ही उपाय है – दवा लीजिए। मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया लाइलाज और गंभीर बीमारी है। किसी को हो जाए तो जीवन भर ठीक नहीं होती है। इसलिए जो लोग रह गए हैं वो 28 अगस्त तक दवा जरूर खा लें। आशा आपके घर पहुंचे और उस वक्त आपकी मुलाक़ात न हो तो बाद में उनसे सम्पर्क कर दवा जरूर खाएं। यह आपके और आपके परिवार के लिए बेहद जरूरी है।’ यह अपील योगी सरकार की ओर से प्रदेशवासियों से लगातार की जा रही है, ताकि कोई भी अपंगता का शिकार न हो। योगी सरकार की ओर से की जा रही यह अपील इस बात का उदाहरण है कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर सीएम योगी कितने गंभीर हैं। उनकी यह गंभीरता उनके प्रयासों में भी झलकती है। सरकार की ओर से फाइलेरिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत आशा दवा के साथ हर घर तक पहुंच रही है। इसके अलावा पीएचसी, सीएचसी, जन आरोग्य मेलों में भी फाइलेरिया की दवा उपलब्ध कराई जा रही है।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेशवासियों से यह अपील करते हुए बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) चल रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहीं हैं। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है। दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को यह दवा जरूर खानी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान प्रदेश के 27 जिलों में चलाया जा रहा है, जहां इस तरह के मामले ज्यादा पाए गए हैं। बीमारी का पता चलने में पांच से 15 साल लग सकते हैं, इसलिए कोई भी जोखिम न लें और न ही कोई बहाना करें क्योंकि आज का यही बहाना आपको जीवनभर के लिए मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए दवाओं का सेवन कर समाज को फाइलेरिया मुक्त बनाएं। दवा खाने के बाद जी मिचलाना, चक्कर आना या उल्टी लगे तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने के कारण हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं जिससे इस तरह की प्रतिक्रिया हो सकती है जो कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।