उत्तर प्रदेशराज्य

आयुष विभाग में तबादलों को लेकर विवाद

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:विधान परिषद में गुरुवार को आयुष विभाग में हुए तबादलों को लेकर भी सवाल उठा। तबादले स्थानांतरण नीति के अनुरूप हुए अथवा नहीं, इसे स्पष्ट कराने के लिए सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने विभागीय प्रमुख सचिव से जांच कराए जाने का निर्देश दिया। विधान परिषद में प्रश्नकाल में शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने आयुष विभाग में स्थानांतरण नीति का खुला उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया।लखनऊ मंडल में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर एक ही स्थान पर लंबे समय से तैनात चिकित्सकों के स्थानांतरण की मांग भी की।

लखनऊ मंडल में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर एक ही स्थान पर लंबे समय से तैनात चिकित्सकों के स्थानांतरण की मांग भी की। सरकार से यह जानना चाहा कि आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों के स्थानांतरण में कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का कितना अनुपालन किया गया। आयुष मंत्री डा.दयाशंकर मिश्र दयालू ने कहा कि तबादलों में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बिना किसी दबाव के स्थानांतरण नीति के अनुसार ही सभी तबादले किए गए हैं। 

जानना चाहा कि आयुर्वेद  चिकित्साधिकारियों के स्थानांतरण में कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का कितना अनुपालन किया गया। आयुष मंत्री डा.दयाशंकर मिश्र दयालू ने कहा कि तबादलों में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बिना किसी दबाव के स्थानांतरण नीति के अनुसार ही सभी तबादले किए गए हैं। 

ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मंत्री ने अपने उत्तर में बताया है कि लखनऊ मंडल में 88 आयुर्वेद चिकित्साधिकारी 10 वर्ष से अधिक समय से तैनात थे, जिनमें से 25 का तबादला स्थानांतरण नीति के प्राविधानों के तहत किया गया। शेष 63 चिकित्साधिकारियों का स्थानांतरण नीति के प्राविधानों व बीस प्रतिशत अधिकतम सीमा की बाध्यता के कारण नहीं हो सका है।आरोप लगाया कि बीस-बीस वर्षा से एक स्थान पर तैनात अधिकारी अब भी अपने पुराने पदों पर ही जमे हैं। जबकि उनके बाद आए अधिकारियों के तबादले कर दिए गए। बहस बढ़ने पर सभापति ने मंत्री से कहा कि वह प्रमुख सचिव से तबादलों की जांच करा लें।   

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