उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ में बैचमेट से परेशान छात्र ने विश्वविद्यालय छोड़ा

स्वतंत्रदेश, लखनऊ:लखनऊ का डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय नए विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं। विश्वविद्यालय में नए सत्र में एडमिशन लेने वाले एक स्टूडेंट का गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा हैं।इसमें स्टूडेंट ने लिखा है, “उसके बैच के कुछ स्टूडेंट्स ने उसे धार्मिक रूप से उकसाने का प्रयास किया है और इससे मैं इतना परेशान हूं कि मुझे विश्वविद्यालय छोड़ना पड़ रहा है।” अन्य साथियों की माने तो छात्र फिलहाल वापस अपने घर दिल्ली लौट चुका हैं।पूरे प्रकरण में सबसे चौकानें वाली बात यह है कि छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। खासतौर पर हॉस्टल वार्डन रहे डॉ.मनोज कुमार पर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई न करने और प्रताड़ित करने वाले छात्र का पक्ष लेने की बात कही हैं। हालाकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को UG में नए वार्डन की तैनाती का आदेश दिया हैं।

वायरल पोस्ट में बताई पूरी कहानी

RML-NLU के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर प्लेटफॉर्म पर छात्र ने पोस्ट किया। इसमें लिखा है, “मैं RML-NLU का फर्स्ट ईयर छात्र था। मैं एक अल्पसंख्यक समुदाय से आता हूं। विश्वविद्यालय में मेरे ही कुछ बैचमैट ने मुझे डराया-धमकाया और जलील किया गया। मेरे साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताव किया गया। मेरे एक बैचमैट ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर धार्मिक रूप उकसाने और डराने का काम किया। मजबूरन मुझे यूनिवर्सिटी छोड़ना पड़ा। इस दौरान मेरे कुछ अन्य बैचमैट ने मेरी मदद करने की कोशिश की पर परेशान करने वालों की संख्या बेहद ज्यादा थी। नतीजा यह रहा कि RML में मेरा जीवन नर्क के सामान था।”पीड़ित स्टूडेंट ने लिखा, “मैं एक अहम बात बताना चाहता हूं, जब उसने मुझे डराया तो मुझे बचाने कोई नही आया। यदि मेरे किसी साथी या सीनियर ने मुझे बचाने का प्रयास भी किया तो हॉस्टल वार्डन डॉ.मनोज कुमार ने चुप करा दिया। लिहाजा कोई सीनियर स्टूडेंट या गार्ड या कोई अन्य फैकल्टी मेंबर मेरी मदद नही कर सका। बाद में मुझे यूनिवर्सिटी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा।”स निर्णय के पीछे मुख्य आरोपी छात्र के अलावा उसके साथी और वार्डन डॉ. मनोज कुमार हैं। जिन्होंने इनकी मदद की और जिस किसी ने भी मेरा पक्ष लिया उसको डराया धमकाया गया। इसी के चलते मैं अकेला और मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस किया।

मुझे यह भी बताया गया कि आरोपी मुख्य छात्र एक बेहद प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखता है। यही कारण रहा कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने मेरा साथ नही दिया और आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई।इसके बाद परेशान होकर मैंने कॉलेज तक छोड़ दिया। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन और हॉस्टल वार्डन की ओर से कोई कार्रवाई न करने की अक्षमता और असमर्थता को मैं यूनिवर्सिटी छोड़ने का मुख्य कारण मानता हूं।

कल ही हॉस्टल में नए वार्डन की हुई हैं तैनाती

डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय सिंह ने सोमवार को यूजी हॉस्टल के वार्डन की जिम्मेदारी डॉ. मलय पांडेय को देने का आदेश जारी कर दिया। जानकारी के अनुसार रविवार को वार्डन डॉ.मनोज कुमार ने अपना इस्तीफा कुलपति और कुल सचिव को ई-मेल द्वारा भेज दिया था। इसके बाद कुलपति ने नए वार्डन को चार्ज दे दिया।

दरअसल कुछ दिनों पहले ही तत्कालीन हॉस्टल वार्डन डॉ.मनोज कुमार और छात्रों के बीच नोकझोंक का वीडियो वायरल हुआ था। छात्रों का आरोप था, वार्डन एक छात्र के रूम से चोरी-छिपे स्पीकर उठा ले गए थे जबकि स्पीकर बज भी नहीं रहा था। बाद में मांगने पर भी वो दे नही रहे थे। जब छात्रों ने उनका घेराव किया और फजीहत होते देख वार्डन ने स्पीकर वापस कर मामले को रफा-दफा किया।

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