उत्तर प्रदेशराज्य

डिब्बा बने वेंटिलेटर, ई रिक्शा से आईसीयू शिफ्ट हो रहे मरीज

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:बलरामपुर की इमरजेंसी में लगे वेंटिलेटर शोपीस बने हैं। वहीं, अति गंभीर मरीज ई-रिकशा से आईसीयू में शिफ्ट कराए जा रहे हैं। ऐसे में उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है। ई रिक्शा में न तो ऑक्सीजन सपोर्ट की सुविधा है और न ही किसी चिकित्सकीय उपकरण की। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वेंटिलेटर के लिए हाई प्रेशर ऑक्सीजन प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। इसके बाद इन पर मरीजों की भर्ती शुरू हो सकेगी।बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में रोजाना 100 से 150 मरीज भर्ती होते हैं। इसमें करीब तीन से चार मरीजों को आईसीयू की जरूरत पड़ती है। इमरजेंसी में वेंटिलेटर की सुविधा न होने के कारण मरीज को तीन सौ मीटर दूर आईसीयू में भेजा जाता है। इसके लिए ई रिक्शा का उपयोग किया जाता है।

बीते दिनों आईसीयू में शिफ्टिंग के दौरान दो मरीजों की जान चली गई थी। फजीहत बाद अफसरों ने दो वेंटिलेटर इमरजेंसी में लगा दिए, लेकिन अभी तक वे बंद पड़े हैं। मामले में अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह का कहना है कि वेंटिलेटर लग गए हैं। उनके संचालन लिए हाईप्रेशर ऑक्सीजन प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा डॉक्टर व स्टाफ की भी ड्यूटी तय हो रही है।

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