पहले मोटा मुनाफा कमाया और फिर रची साजिश
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:खुद के अपहरण की साजिश रच फिरौती मांगने वाला मरीन इंजीनियर नमन करीब तीन वर्षों से क्रिप्टो ट्रेडिंग के जाल में फंसा था। शुरुआत में उसको मोटा मुनाफा हुआ। तब उसका लालच बढ़ता गया। पहले अपनी जमा पूंजी लगाई और फिर परिजनों व दोस्तों से रकम लेकर क्रिप्टो में खपाया, जिसे गंवाता गया और चंद महीनों में 54 लाख रुपये का कर्जदार हो गया। खुद नमन ने पुलिस की पूछताछ में इसका खुलासा किया।बिहार के रोहतास निवासी नमन बंगलूरू में एक निजी कंपनी में काम करता है। सोमवार को वह लखनऊ पहुंचा था और होने वाले बहनोई से मुलाकात की थी। उसके बाद वापस होटल गया था। कुछ ही देर बाद उसने इंटरनेट कॉल के जरिये परिजनों से संपर्क किया और अपहर्ता बनकर दावा किया कि नमन उसके कब्जे में है। इसके बाद 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। बहन की शिकायत पर सक्रिय हुई कमिश्नरेट पुलिस ने दो घंटे में ही नमन को पकड़ उसके षड़यंत्र का खुलासा कर दिया।
एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि नमन ने पूछताछ में बताया कि उसका एक दोस्त क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग का काम करता है। उसी ने सबसे पहले उसका एकाउंट बनाकर एक मुश्त रकम निवेश कराई थी तब फायदा होने पर वह क्रिप्टो में निवेश करता रहा।बीते कुछ महीनों से उसको घाटा होने लगा। रिकवरी के चक्कर में वह लोगों से रकम लेकर क्रिप्टो में लगाने लगा, लेकिन वह भी रकम डूबती गई। इसके बाद कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उसने अपने अपहरण की साजिश रची।बिहार से उसके माता-पिता सोमवार देर रात लखनऊ पहुंचे तो उसने अपनी गलती स्वीकार की। इस संबंध में माफीनामा लिखकर दिया। चूंकि रकम पिता से ही जमा कराई थी और वह कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे, इसलिए पुलिस ने लिखापढ़ी के बाद उसे घरवालों के हवाले कर दिया।