छुट्टा पशुओं से मिलेगी राहत
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:फसलों को छुट्टा पशुओं एवं जंगली जानवरों से बचाने के लिए कृषि विभाग मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसमें खेत के चारों तरफ तार लगाएं जाएंगे, जिनमें 12 वोल्ट का करंट दौडे़गा। इससे खेत में घुसने की कोशिश करने वाले पशु या जानवर को केवल जोर का झटका लगेगा। उसे कोई नुकसान नहीं होगा। पूरा सिस्टम सौर ऊर्जा से काम करेगा और इसकी पूरी लागत पर सरकार 60 प्रतिशत अनुदान देगी। प्रस्ताव तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसके प्रस्तुतिकरण की तैयारी है।
छुट्टा पशुओं की समस्या से किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। उधर सरकार इन पर अंकुश लगाने के तमाम उपाय कर रही है। पर, सारे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। पशु फसलों को चट कर रहे हैं। रही सही कसर जंगली जानवर पूरी कर देते हैं। किसानों ने इनसे बचाव के लिए कटीले तार लगाने शुरू किए, तो सरकार ने इस पर रोक लगा दी। सरकार का कहना था कि इससे गोवंश घायल हो रहे हैं, पर किसान अब भी तार लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे आखिर क्या करें। अब सरकार इस समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) पर काम कर रही है। कृषि विभाग ने इसका पूरा प्रस्ताव तैयार किया है।
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु की स्टडी
राजस्थान, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर लाभ उठा रहे हैं। वहां यह योजना लागू है। अपने यहां इन राज्यों की स्कीम का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। तैयारी है कि योजना और बेहतर बने। बैटरी से चलने वाले इस सोलर फेंसिंग की लागत लगभग 1,43000 रुपये प्रति हेक्टेयर आती है। सरकार लघु सीमांत किसानों को योजना के दायरे में रखते हुए 60 प्रतिशत अनुदान देगी।छुट्टा पशुओं की समस्या से किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। उधर सरकार इन पर अंकुश लगाने के तमाम उपाय कर रही है। पर, सारे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। पशु फसलों को चट कर रहे हैं। रही सही कसर जंगली जानवर पूरी कर देते हैं। किसानों ने इनसे बचाव के लिए कटीले तार लगाने शुरू किए, तो सरकार ने इस पर रोक लगा दी। सरकार का कहना था कि इससे गोवंश घायल हो रहे हैं, पर किसान अब भी तार लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे आखिर क्या करें। अब सरकार इस समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना (सोलर फेंसिंग) पर काम कर रही है। कृषि विभाग ने इसका पूरा प्रस्ताव तैयार किया है।