जानकीपुरम बस अड्डे के लिए जुलाई में होगा टेंडर
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:कैसरबाग, अमीनाबाद समेत पुराने लखनऊ के पांच लाख से ज्यादा की आबादी को जल्द ही जाम से निजात मिलेगी। परिवहन विभाग ने इसको लेकर काम तेज कर दिया है। जानकीपुरम में बस अड्डा बनाने को लेकर कागजी कार्रवाई तेज हो रही है।2018 में ही बस अड्डे को यहां से जानकीपुरम में शिफ्ट करने का प्रस्ताव आया था। लेकिन, कोविड और अन्य कारणों से इस पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा था। अब यह काम तेज होता। परिवहन विभाग खुद यह काम कराएगा
मौजूदा समय में कैसरबाग बस अड्डे से 24 घंटे के अंदर 1300 बसों का संचालन होता है। इससे करीब 12000 से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। बसों की संख्या की बात करे तो यह 350 बसें एक दिन में यहां से चलती है।यहां से दिल्ली के साथ सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी ,गोंडा ,बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी समेत तराई बेल्ट के ज्यादातर दिलों बसों का संचालन होता है। यहां तक की नेपाल जाने वाले लोग भी यहां से बस पकड़ते हैं।
बसों की संख्या बढ़ने के बाद यहां जगह कम पड़ रही थी। बसों की संख्या की बात करें तो तीन सौ बसें नियमित यहां से संचालित होती है। कैसरबाग बस अड्डे पर 20 प्लेटफार्म बने हुए हैं जहां एक बार में 40 से 45 बसें खड़ी हो सकती। लेकिन आबादी बढ़ने के बाद यहां एक बार में कई बार 60- 70 बस आ जाती है।अब इन बातों की वजह से कैसरबाग चौराहा और आसपास के डेढ़ से 2 किलोमीटर की परिधि में लंबा जाम लग जाता है। जिसमें जिला प्रशासन कार्यालय और रजिस्ट्री ऑफिस भी शामिल है। जाम में घंटों लोग फंसे रहते है। लखनऊ में सबसे ज्यादा देर तक यही जाम लगता है।