उत्तर प्रदेशलखनऊ

कांवड़ यात्रा के दौरान मिलावटखोरी बड़ा खतरा

स्वतंत्रदेश ,लखनऊमथुरा के बरसाना में दो दिन पहले डेयरी पर 1100 किलो मिलावटी पनीर और 4200 लीटर पनीर बनाने की सामग्री पकड़ी गई। मिलावटी पनीर बनाने के लिए यहां रिफाइंड, सोयाबीन पाउडर, चूना, एसीटिक एसिड, हाइड्रोजन भी मिला। दुकानदार पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। यहां के विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। इसी तरह सहारनपुर के रामपुर मनिहारन में भी 11 क्विंटल मिलावटी पनीर पकड़ा गया।

केस दो: मिलावटी सामग्री से बनी मिली मिठाई, कराया नष्ट
अंबेडकर नगर में 40 किलो इमरत्ती व लड्डू मिलावटी पाया गया। उसे नष्ट करा दिया गया। 740 किलो इमरती बनाने की सामग्री मिली, जो मिलावटी सामग्री से तैयार थी। इसी तरह ग्रेटर नोएडा, अमेठी, मेरठ सहित कई जिलों में नकली मिठाइयां पाई गई हैं।उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा व अन्य त्योहार के दौरान मिलवटखोरी बड़ा खतरा है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं की तबीयत खराब होने की आशंका बनी हुई है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है तो खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने भी नई रणनीति अपनाई है। सभी निरीक्षकों को लगातार खाद्य पदार्थों की जांच करते रहने का निर्देश दिया है।

प्रदेश में सावन माह में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा और अन्य त्योहार शुरू हो जाएंगे। इस दौरान प्रसाद के साथ ही कांवड़ यात्रियों के लिए विभिन्न स्थानों पर खाद्य पदार्थ बांटें जाते हैं। इनमें मिलावट होने की वजह से कई बार श्रद्धालुओं की तबीयत खराब हो जाती है। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार एफएसडीए ने मिलावटखोरी को चुनौती के रूप में लिया है। इससे निपटने के लिए नई रणनीति भी अपनाई है।

अब कांवड़ यात्रा वाले मागों पर 24 घंटे खाद्य निरीक्षक निगरानी करेंगे। 12-12 घंटे की अलग अलग निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत समेत अन्य जिलों के लिए लखनऊ और कानपुर सहित अन्य मंडलों से 10-10 निरीक्षकों को माहभर के लिए भेजा जा रहा है। ये निरीक्षक निरंतर खाद्य पदार्थों की जांच करते रहेंगे। इसे लेकर खाद्य आयुक्त और अपर आयुक्त ने प्रदेशभर के निरीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कर चुके हैं।

पिछले वर्ष पकड़े गए व्यापारियों की विशेष निगरानी
कांवड़ मार्गों के साथ ही बागपत के पुरामहादेव मंदिर के आसपास की दुकानों की विशेष तौर पर निगरानी की जाएगी। सभी निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि जिन व्यापारियों के यहां पिछले वर्ष मिलावट मिली थीं। उन पर खासतौर से निगाह रखी जाए। यदि इस बार दोबारा उनकी दुकानों पर मिलावट मिली तो तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

खोया और दूध से बनी चीजें ज्यादा मिलावटी

विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024-25 में इकट्ठा किए गए 38865 सैंपल में 12693 अधोमानक पाए गए। इसी तरह 1117 सैंपल मिध्याछाप यानी गलत ब्रांड के थे। खास बात यह है कि 2690 सैंपल पूरी तरह से जहरीले पाए गए, जो मानव सेहत के लिए हानिकारक थे। इन सैंपल में ज्यादातर खोया, पनीर और दूध से बनी अन्य चीजें थी। कुछ सैंपल मसालों के भी थे। हल्दी और मिर्च में केमिकल पाया गया था।

इलाज भी मिलेगा…  स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
कांवड़ यात्रा को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। उपकेंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार की व्यवस्था बनाई जा रही है। मिलावटी खाद्य सामग्री से बीमार होने वाले और डायरिया की चपेट में आने वालों के इलाज की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान उमस ज्यादा रहती है। खाने-पीने की गुणवत्ता सही नहीं होने की वजह से डायरिया, फूड प्वॉयजनिंग का खतरा रहता है। ऐसे में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग से इमरजेंसी वार्ड बनाकर कांवड़ यात्रियों के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अस्पतालों में पैरासिटामॉल, डायरिया से जुड़ी दवाएं, आई पलूड्स, ओआरएस के पैकेट आदि पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ यात्रा वाले मार्गों पर संवेदनशील स्थलों पर एंबुलेंस मौजूद रहेगी।

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