कुकरैल नदी के पुनरुद्धार के लिए 10 दिन में पूरा करें सर्वे
स्वतंत्रदेश , लखनऊ: सर्वेदम तोड़ती छोटी नदियों को लेकर अभियान का असर पड़ा है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जागरण के इस अभियान का संज्ञान लेकर सोमवार को संबंधित कई विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और कुकरैल नदी के पुनरुद्धार के लिए 10 दिन में सर्वे पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए अफसरों को समय दिया है। उन्होंने कहा कि नदियों का लुप्त होना मानवता के लिए खतरे की घंटी है।कुकरैल नदी के साथ-साथ लखनऊ की सई नदी को भी पुनर्जीवित करने को लेकर प्लान तैयार करने के लिए अधिकारियों को कहा है।छोटी नदियों की दुर्दशा को लेकर पिछले कई दिनों से अभियान चलाया हुआ है। इन्हीं खबरों का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने सोमवार को सिंचाई विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर विकास, जल निगम, नगर निगम, वन-पर्यावरण आदि विभाग के अधिकारियों को तलब किया।
कुकरैल नदी के पुनरुद्धार को लेकर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुकरैल जीवित नदी है। इसका अधिकतम फ्लो 1700 क्यूसेक है जबकि न्यूनतम 120 क्यूसेक जल इसमें रहता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नदी का शुरुआत से लेकर अंत तक पूरा सर्वेक्षण कराया जाए। नदी के पुनरुद्धार से जुड़े सभी विभाग संयुक्त रूप से 10 दिन के भीतर सर्वे का काम पूरा करें। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव इस कार्य का नेतृत्व करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी का सर्वे कराते हुए इस इलाके में फ्लो व आबादी का पूरा सर्वे भी कराएं। उन्होंने निर्देशित किया कि अधिकारी नदी के बाढ़ स्तर की रिपोर्ट तैयार करें और कैचमेंट एरिया को चिह्नित करें। कुकरैल नदी के पुनरुद्धार को अति आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां जागिंग एरिया, बटर फ्लाई पार्क, फिशिंग एरिया के साथ-साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग, छठ पूजा घाट और पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी के आसपास किस प्रकार हरियाली और सुंदरीकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है, इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाए।