चाइनीज मांझे से एक माह में छह से अधिक हादसे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी पुलिस कमिश्नरेट के चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाही के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। न्यायालय के आदेश के बाद भी पुलिस इनसे होने वाले न तो हादसों पर लगाम कस पा रही है और न ही बिक्री करने वालों पर कार्यवाही। आए दिन होने वाली घटनाओं से भी सबक नहीं लिया जा रहा है। अक्सर कोई न कोई इनकी चपेट में आने से हादसे का शिकार हो रहा है। पुराने लखनऊ में सबसे अधिक इस तरह के हादसे हो रहे हैं।
इन घटनाओं से भी नहीं लिया सबक
14 नवंबर को पिकप पुल पर मांझे की चपेट में आने से एक युवक की गर्दन कट गई थी। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। अभी तक उसकी स्थिति ठीक नहीं हो सकी है। इसके बाद ऐशबाग पुल पर एक बाइक सवार एक युवक की मांझे से गर्दन कटी। 20 नवंबर को आलमनगर फ्लाईओवर पर पतंग के मांझे से जिम संचालक महेंद्र कुमार चौधरी का चेहरा कट गया था। हादसे के दौरान बाइक अनियंत्रित होने से वह गिर भी गए थे। इसके अलावा नौ दिंसबर को बाजारखाला क्षेत्र के हैदरगंज फ्लाईओवर पर मांझे की चपेट में आने से नेहरूनगर निवासी मोहित अग्रवाल के माथे पर कट लग गया। वह भी बाइक से थे और हादसे के दौरान अनियंत्रित होकर गिर गए थे।
बीते दिनों चला अभियान पर नहीं हो सका समाधान
बीते दिनों मांझे से हुई घटनाओं के बाद एसीपी बाजारखाला अनूप कुमार सिंह ने बाजारखाला, तालकटोरा पुलिस को इलाके में स्थित पतंगों की दुकानों पर छापेमारी के आदेश दिए थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने दावा किया था कि बहुत सी दुकानों पर चेकिंग की गई। पर चाइनीज मांझा कहीं नहीं मिला। पर बुधवार को हुई घटना ने पुलिस के अभियान की कलई खोल दी।
पुलों पर जाली लगाने का बना था प्रस्ताव
आए दिन हो रहे हादसों के मद्देनजर बाजारखाला और तालकटोरा के कुछ लोगों ने एसीपी अनूप कुमार सिंह के माध्यम से जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को एक पत्र भेजा था। जिसमें मांझे से सुरक्षा के दृष्टिगत 10-15 फीट ऊंची जाली लगाने की मांग की गई थी। पर अबतक कोई कार्यवाही नहीं जिला प्रशासन द्वारा नहीं हुई।