यूपी-नेपाल सीमा पर टूटेगा नशा कारोबारियों का बड़ा तंत्र
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:पूरे देश में फैले नशे के जिस काले कारोबार पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जोर है, उसकी जमीन तैयार होती नजर आ रही है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगने के साथ ही गोरखपुर व वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य बड़े जिलों से हो रही नारकोटिक्स ड्रग की सप्लाई का तंत्र टूटने की उम्मीद बढ़ी है।कई दवा करोबारियों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रग माफिया के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कड़ी कार्रवाई के निर्देशों के बाद एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ), नाकोर्टिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ), एसटीएफ, ईडी व अन्य एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। बीते लगभग डेढ़ वर्ष से नशे के कारोबार के विरुद्ध समग्र लड़ाई की जो नींव रखी जा रही थी, उसमें अब कार्रवाई का समय आ गया है।
नेपाल सीमा से हेरोइन व नारकोटिक्स ड्रग का जो नटवर्क लगातार फलता-फूलता रहा है, उस पर लगाम कसने के लिए गोरखपुर में एनसीबी के जोनल मुख्यालय जल्द आरंभ होगा। इसके लिए किराये के भवन का चयन किया जा चुका है। गोरखपुर जोनल कार्यालय की टीम 21 जिलों गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, मिरजापुर, संतरविदासनगर, सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, फतेहपुर, काैशांबी, प्रतापगढ़, देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज में अवैध मादक पदार्थों के कारोबार पर सीधी नजर रखेगी।एनडीपीएस एक्ट के तहत और संपत्तियां होंगी जब्त जांच एजेंसियां नशा कारोबारियों के काली कमाई से खड़े किए गए साम्राज्य को ध्वस्त करने की तैयारी में हैं। एनपीएस एक्ट के तहत आर्थिक जांच कर संपत्तियों को जब्त करने का प्राविधान है। एनसीबी के लखनऊ डिवीजन के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत कुमार श्रीवास्तव के अनुसार बीते दो वर्ष में एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपितों को दस करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की गई हैं। इस कार्रवाई के दायरे को बढ़ाने के साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े बड़ों पर भी कानूनी शिकंजा कसने का प्रयास किया जाएगा।