सीतापुर हत्याकांड: नींद में ही सबको मार डालने की रची थी साजिश
स्वतंत्रदेश,लखनऊसीतापुर के पल्हापुर हत्याकांड को लेकर रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में जुटी पुलिस को पता चला है कि छह हत्याओं के मास्टरमाइंड अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग के परिवार को नींद में ही मौत के घाट उतारने की साजिश काफी पहले ही रची थी। इसके लिए उसने महमूदाबाद स्थित एक मेडिकल स्टोर से 15 दिन पहले नींद की दवाएं खरीदी थीं।
हत्या वाली रात अजीत ने नशीली दवाओं को घर के खाने में मिला दिया था लेकिन प्रियंका व उसके बच्चे लखनऊ स्थित घर से खाना खाकर आए थे। इसलिए उसका यह प्लान चौपट हो गया था। मां सावित्री भी खाना खा चुकी थी। सिर्फ अनुराग ने ही नींद की दवा मिली नशीली खिचड़ी खाई थी। अजीत चाहता था कि पूरे परिवार को नींद में ही मौत के घाट उतार दिया जाए।
एसपी चक्रेश मिश्र, एसटीएफ के एडिशनल एसपी अमित नागर, एसओजी व आईजी की क्राइम टीम ने बुधवार सुबह से ही महमूदाबाद कोतवाली में डेरा डाल दिया। अजीत, उसकी पत्नी विभा व अन्य संदिग्धों से पूछताछ की। इसके साथ महमूदाबाद स्थित एक मेडिकल स्टोर के संचालक से भी सख्ती से पूछताछ हुई। पता चला कि इसी दुकान से अजीत ने नशीली दवाइयां खरीदी थीं। खास बात यह है कि मेडिकल स्टोर संचालक ने बिना किसी चिकित्सक के पर्चे के ही अजीत को यह दवाइयां बेंच दी थी। उसने यह पड़ताल करना भी जरूरी नहीं समझा कि अजीत यह दवाइयां क्यों खरीद रहा है। शुक्रवार देर रात 3 बजे रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर गांव में अजीत ने अपने भाई अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व उसके तीन बच्चों के साथ मां सावित्री की नृशंस हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस को फोन कर भाई अनुराग पर ही इस हत्याकांड को अंजाम देकर आत्महत्या कर लेने की सूचना दी थी। पुलिस भी उसके बयान को सच मान बैठी थी।बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जांच की दिशा को बदल दिया था। इसके बाद अजीत को पुलिस ने हिरासत में लिया तो उसने हत्या करने की बात कबूल कर ली। अब पुलिस इस हत्याकांड से जुड़ी कड़ियां खंगाल रही है।
पल्हापुर सामूहिक हत्याकांड की जांच तीन जिलों तक पहुंच गई है। सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के अलावा महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र में पुलिस टीमें जांच कर रही हैं। इसके साथ पुलिस की एक टीम ने लखनऊ जिले में गोमतीनगर विस्तार निवासी प्रियंका के मायके वालों से भी पूछताछ की है। वहीं, एक टीम बाराबंकी जिले के जुग्गौर स्थित अजीत के ससुराल वालों से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस कड़ी से कड़ी को जोड़ते हुए हत्याकांड के खुलासे को लेकर सबूत जुटा रही है।
बैलेस्टिक रिपोर्ट में साबित हुआ तमंचे से ही चलाई गईं थीं गोलियां
पुलिस ने पल्हापुर गांव में अनुराग के कमरे से बरामद देसी तमंचे को बैलेस्टिक जांच के लिए भेजा था। सूत्रों की मानें तो बैलेस्टिक जांच में यह साबित हो गया है कि देसी तमंचे से ही अजीत ने अनुराग और अन्य परिजनों की हत्या की है। पुलिस ने घर से तमंचा बरामद किया था। ससुर के लोगों से अजीत ने लिया था कर्जा, हत्या से करीब एक माह पहले डेढ़ लाख लौटाए थे
अजीत सिंह रामपुर मथुरा विकास खंड के बरी जगतपुर प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापक तैनात है। इस घटना में उसकी भूमिका सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी है। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी ने पुलिस विभाग को पत्र भेजकर इसकी रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो बृहस्पतिवार को पुलिस विभाग इसकी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को भेज देगा। इसके बाद अजीत के निलंबन की कार्यवाही शुरू होगी। जब अजीत दोष सिद्ध हो जाएगा तब विभाग अजीत को बर्खास्त करेगा।
अजीत की हो चुकी है बाईपास सर्जरी
इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड ह्रदयरोग से पीड़ित है। सूत्रों की मानें तो करीब दो माह पूर्व उसने बाईपास सर्जरी कराई थी। जिसमें उसके काफी रुपये खर्च हो गए थे। उसकी अभी भी दवाएं चल रही हैं।
पूछताछ में नहीं कबूली भाड़े के हत्यारों की बात
अजीत से एसओजी और एसटीएफ की टीमों ने कड़ी पूछताछ की। इसके बावजूद अब तक अजीत ने भाड़े के हत्यारों के शामिल होने की बात नहीं कबूली है। पुलिस भी यह दावा कर रही है कि अजीत ने खुद ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।