उत्तर प्रदेशराज्य

10 परसेंट तक महंगी हो सकती है बिजली

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:लाइन लॉस से होने वाले नुकसान की भरपाई उपभोक्ता से किया जाएगा। इसके लिए उनकी बिजली महंगी करने की तैयारी चल रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इसके लिए प्रस्ताव बना लिया है। बताया जा रहा है कि अगर इसको लागू कर दिया गया तो बिजली दर 8 से 10 फीसदी तक महंगा हो सकता है।यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि यह उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है। इसको लेकर वह उपभोक्ताओं के लिए हर जगह लड़ाई लड़ेंगे। यह प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ साजिश है। जिसे कभी भी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। अवधेश वर्मा ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार एक नया कानून बनाने जा रहा है।

इस मामले में सभी राज्यों से आपत्तियां मांगी गई है। इसके अनुसार केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय इलेक्ट्रिसिटी रूल 2023 में कुछ धाराओं में संशोधन करना चाहता है। इसमें केंद्र सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच वितरण हानियों पर जो भी ट्रैजेक्टरी सेट की जाएगी उसे राज्य के विद्युत नियामक आयोग को मानना पड़ेगा।केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून में यह बात भी लिखी गई है की वितरण हानियों से जो भी नुकसान होगा उसकी आधी भरपाई प्रदेश के उपभोक्ताओं से की जाएगी और आधी भरपाई बिजली निगम करेंगे। उसका भार बिजली दर में उपभोक्ताओं पर पास किया जाएगा।उत्तर प्रदेश में बात की जाए तो वर्ष 2021-22 में जहां प्रदेश में 11.08 प्रतिशत वितरण हानियों पर बिजली दर तय की गए थी वही वर्ष 2022 – 23 में 10.67 प्रतिशत वितरण हानियों पर बिजली दर तय की गई थी।वर्तमान में वर्ष 2023- 24 की तो आरडीएसएस में जो वितरण हानियां बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित की गई है वह लगभग 14.90 प्रतिशत है । ऐसे में बिजली दर तय की जाए तो सीधा 8 से 10 प्रतिसत बिजली दरों में बढोतरी होगी जो पूरी तरह गलत है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए काला कानून है और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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